
टीम ने गेवरा-दीपका के अलावा कुसमुंडा खदान का निरीक्षण किया
कोरबा. एनटीपीसी के कोरबा और सीपत प्लांट को जरूरत के मुताबिक कोयला नहीं मिलने की शिकायत पर कोल मंत्रालय गंभीर हो गया है। शिकायत की जांच करने शुक्रवार को कोल इंडिया और एनटीपीसी के चेयरमैन अपनी टीम के साथ एशिया की सबसे बड़ी ओपेन कॉस्ट कोयला खदान गेवरा-दीपका पहुंचे।
टीम ने गेवरा-दीपका के अलावा कुसमुंडा खदान का निरीक्षण किया। कोल मंत्रालय में भारत सरकार के सचिव, कोल इंडिया के चेयरमैन अनिल झा, एसईसीएल सीमडी एपी पांडा और एनटीपीसी के सीएमडी गुरुदीप सिंह ने गेवरा दीपका को दौरा किया। शनिवार सुबह टीम गेवरा खदान पहुंची। कोयला उत्पादन की वर्तमान स्थिति को देखा। दोपहर बाद दीपका खदान का दौरा किया। शाम को कुसममुंडा पहुंची। एनटीपीसी के कोयला संंकट को दूर करने का आदेश दिया। टीम ने कुसमुंडा खदान का भी दौरा किया।
शाम को कोल इंडिया चेयरमैन ने अफसरों के साथ बैठक की। इसमें एनटीपीसी की शिकायत पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें कोरबा, दीपका, कुसमुंडा और गेवरा के महाप्रबंधक सहित अन्य अफसर भी शामिल थे।
एनटीपीसी की तरफ से कोल मंत्रालय को एक शिकायत की गई है। इसमें मांग के अनुसार जमनीपाली और सीपत संयंत्र को कोयला नहीं मिलने का दावा किया गया है। इससे बिजली उत्पादन में कमी की जानकारी दी गई है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि जिस कोयले की आपूर्ति संयंत्र को की जा रही है, उसकी गुणवत्ता में खामी है। इससे इकाईयों को नुकसान पहुंंच रहा है।
इधर कोयले नहीं लेने का भी है आरोप
इधर, एसईसीएल के अफसरों का कहना है कि एनटीपीसी की शिकायत सही नहीं है। एनटीपीसी कोयले का स्टॉक लेना नहीं चाहता है। इससे थोड़ी दिक्कत हो रही है।
एनटीपीसी में कोयले का स्टॉक खत्म
इधर, सेंट्रल एनर्जी अर्थोरिटी की रिपोर्ट मेें बताया गया है कि एनटीपीसी के जमनीपाली संयंत्र में कोयले का स्टॉक खत्म हो गया है। संयंत्र क्रिटिकल कंडिशन में है। रोज होने वाली आपूर्ति पर बिजली का उत्पादन निर्भर है, लेकिन स्टाक में कोयला नहीं है।
अफसरों ने नहीं दी जानकारी
चेयरमैन के दौरे की जानकारी के लिए एसईसीएल के जनसम्पर्क अधिकारी मिलिंद चहानदे और एनटीपीसी के जनसम्पर्क अधिकारी आशुतोष नायक से सम्पर्क किया गया है। दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया।
Published on:
20 Oct 2018 11:49 am
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