
सवा दो करोड़ का घटिया काम किया था ठेकेदार ने
कोरबा. सवा दो करोड़ की लागत से बनी घटिया सीवरेज लाइन की मरम्मत अब नगर निगम करेगा। कई जगह से सीवरेज लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। हालांकि मरम्मत के नाम पर महत साढ़े तीन लाख रूपए ही खर्च किया जाएगा इससे व्यवस्था के पटरी पर आते नहीं दिख रही है।
नगर निगम को पांच साल पहले 13 वित्त मद से दो करोड़ 16 लाख रूपए की स्वीकृति मिली थी। इस मद से नगर निगम ने साडा कॉलोनी जमनीपाली की सीवरेज लाइन को सुधारने के लिए काम का प्रस्ताव पास कराया। यह काम शुरू से विवादित और विलंब से हुआ। आठ माह में होने वाला काम ढाई साल बाद पूरा किया गया। काम के दौरान ही कॉलोनी के लोगों ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाये थे।
लेकिन निगम अमले ने सिर्फ काम पूरा करा दिया पर योजना की उपयोगिता को भूल गए। वर्तमान में स्थिति यह है कि सीवरेज लाइन के नए सिरे से बिछने के बाद भी लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिला। बल्कि और भी स्थिति खराब हो गई। दरअसल निगम द्वारा जो लाइन बिछाई गई उसकी आपस में कनेक्टिविटी इतनी दोयम दर्जे की थी
कि वह बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है। जमीन के पांच फीट अंदर डालने के बजाय इसे दो फीट भीतर डाला गया। भारी वाहन के गुजरने से यह कई बार लाइन टूट चुकी है। इसके अलावा मकानों से लेकर मुख्य सेप्टिक टैंक के बीच में कई जगह-जगह छोटे-छोटे टैंक बनाए गए, लेकिन वह भी ऐसी जगह पर बनाया जहां पानी ठहरने के बजाय बहता रहता है।
सबसे हैरत करने वाला काम तो मुख्य सेप्टिक टैंक है। कॉलोनी में कम से कम सौ से अधिक मकान व दुकानें हंै और इसके हिसाब से टैंक को छोटा बनाया गया। इसका परिणाम यह है कि अब टैंक से गंदा पानी ओवरफ्लो होते हुए सड़क व आसपास की खाली जगह में जमा है। नवंबर से निगम द्वारा इसका काम शुरू किया जाएगा।
सेप्टिक टैंक की दूरी अधिक, लाइन बिछाने में खर्च बढ़ा इसलिए छोटा बनाया
पहले सेप्टिक टैंक साडा कॉलोनी के बीच में बनाने का डिजाइन पास हुआ था। बाद में आसपास के लोगों ने गंदगी और बदबू को देखते हुए इसका विरोध कर दिया गया और टैंक को कॉलोनी से थोड़ी दूरी पर निर्मित किया गया। इसके लिए ठेकेदार को ज्यादा व्यय कर अधिक दूरी तक अतिरिक्त लाइन बिछानी पड़ी। लिहाजा ठेेकेदार ने सेप्टिक टैंक के साइज को ही कम कर दिया।
कॉलोनी के लोग कई बार कर चुके प्रदर्शन
सरदार वल्लभ पटेल नगर के लोगों ने कई बार पॉश इलाके की स्थिति सुधारने की मांग की जा चुकी है। पिछले बार आयुक्त, कलेक्टर, सभापति महापौर को ज्ञापन भी सौंपा था। इसके बाद निगम ने मरम्मत की सुध ली है। लेकिन इतने कम बजट से कॉलोनी में किस तरह लाइन का सुधार होगा इसपर सवाल उठना लगा है।
Published on:
26 Sept 2018 08:26 pm
बड़ी खबरें
View Allकोरबा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
