कारोबारी के लिए छोटे दुकानदारों से बकाया राशि की वसूली करने वाला रिकवरी मैन सवा दो लाख रुपए लेकर फरार है। पुलिस ने रिकवरी मैन पर राशि गबन करने का केस दर्ज किया है।
गिरफ्तारी के लिए तलाश कर रही है। कोतवाली थाना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने बताया कि विनोद अग्रवाल की कोरबा में गणपति इंटरप्राइजेस की दुकान है। 15- 16 माह से प्रदीप कुमार तांडे दुकान में सेल्समैन का काम करता था। विनोद की दुकान से छोटे व्यापारी उधारी में सामान ले जाते हैं। उसने रिकवरी का दायित्व प्रदीप तांडे को सौंप दिया था। वह उधारी की राशि वसूलकर गणपति इंटरप्राइजेस के खाते में नकद जमा करता था।
चेकिंग के दौरान अक्टूबर- नवंबर में वसूली गई राशि बैंक खाते में जमा नहीं होना पाया गया। उस समय एक लाख 12 हजार 180 रुपए की गड़बड़ी होना पाया गया। पूछताछ में प्रदीप ने अपनी पत्नी मनीषा टांडे के समक्ष गुनाह स्वीकार किया। समर्थन में एक शपथ पत्र व्यापारी को दिया। इसमें लिखा कि और गड़बड़ी पाए जाने पर भरपाई करेगा। खाते की जांच करने पर व्यापारी विनोद ने दो लाख 27 हजार 786 रुपए की गड़बडी होना पाया। इस बीच प्रदीप गणपति इंटरप्राइजेस से काम छोड़कर चला गया। व्यापारी ने घटना कोतवाली थाना में केस दर्ज कराया है। इसमें प्रदीप पर राशि गबन का आरोप लगाया गया है। पुलिस केस दर्जकर जांच कर रही है।
सरकारी भूमि को अपना बताकर ठग लिए 50 हजार
सरकारी जमीन को अपना बताकर 50 हजार रुपए की ठगी करने पर पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ चारसौबीसी का केस दर्ज किया है।आरोपी अजय भगत मानिकपुर चौकी क्षेत्र अंतर्गत कृष्णा नगर का निवासी है। पुलिस ने बताया कि वर्ष 2016 में अजय भगत को 50 हजार रुपए की जरुरत थी। वह अपने परिचित चिमनीभट्ठा में रहने वाले आशा प्रधान के घर पहुंचा। रुपए की मांग करते हुए आशा को दादरखुर्द में 12 डिसमिल का एक भू-खंड दिखाया। इसमें से दो डिसमिल भू- खंड आशा प्रधान को 60 हजार रुपए प्रति डिसमिल देने का आश्वासन दिया। जमीन पसंद आने पर आशा ने हामी भर दिया। 50 हजार रुपए अजय भगत को दिया। अजय ने इसके लिए आशा प्रधान के साथ एक एग्रिमेंट किया। लेकिन अभी तक जमीन की रजिस्ट्री आशा प्रधान को नहीं दिया। न ही रुपए लौटाया। आशा को संदेह हुआ। उसने अपने स्तर पर खोजबीन की। जमीन सरकारी होना पाया गया। आशा ने मानिकपुर चौकी में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस केस दर्जकर जांच कर रही है। जिले में ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। इसमें जमीन दलाल भी सक्रिय हैं।