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राजस्थान के इस शहर में जगह-जगह ‘बम’ के गोदाम

शहर के बीच चल रहे दस गैस गोदाम : सरकार गैस गोदामों को दूर शिफ्ट करने के आदेश देकर भूली

कोटाFeb 25, 2020 / 07:28 pm

mukesh gour

राजस्थान के इस शहर में जगह-जगह ‘बम’ के गोदाम

रणजीत सिंह सोलंकी
कोटा. राज्य सरकार ने शहर के बीच चल रहे गैस गोदामों को गैस जनित हादसों की आशंका के चलते दूर शिफ्ट करने के आदेश दिए थे, लेकिन 8 साल से सरकारी मशीनरी कोटा शहर के गैस गोदामों को शिफ्ट नहीं कर पाई है। कोटा शहर में घनी आबादी के बीच दस गैस गोदाम संचालित हैं। गोदामों में हमेशा आठ हजार से अधिक गैस सिलेण्डर भरे हुए रखे रहते हैं। गनीमत है कि कभी गैस जनित हादसा नहीं हुआ। सावचेत करने की बात यह है कि गैस गोदामों में एक चिंगारी से भयंकर तबाही मचा सकती है।
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इधर गोदाम, उधर सैकड़ों विद्यार्थी
इन्द्रप्रस्थ में रोड नम्बर एक पर गैस एजेन्सी का ऑफिस और गोदाम संचालित है। इस गोदाम से बमुश्किल एक किमी के दायरे में सैकड़ों कोचिंग विद्यार्थी रहते हैं। कोचिंग संस्थान और करीब 70 हॉस्टल इस गोदाम के आसपास संचालित हो रहे हैं। छावनी लघु औद्योगिक क्षेत्र में भी इंडेन का गैस गोदाम संचालित है।
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एक सिलेण्डर फटा तो दीवार क्षतिग्रस्त हुई
लाडपुरा क्षेत्र में करीब पांच माह पहले एक मकान में गैस सिलेण्डर में आग लगने की घटना हुई थी। सिलेण्डर में आग से ऐसा विस्फोट हुआ था कि मकान की दीवारें ही क्षतिग्रस्त हो गई थी। तीन साल पहले जयश्री विहार में गैस सिलेण्डर ऐसा भभका था कि महिला की जलकर मौत हो गई थी।
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यह है समाधान
प्रशासन, गैस एजेंसी संचालकों से मिलकर गैस गोदाम आसानी से आबादी से दूर शिफ्ट किए जा सकते हैं। बजरंग नगर, आकाशवाणी कॉलोनी, देवली अरब रोड के गैस गोदामों को इस रोड पर पांच-छह किमी दूर शिफ्ट किया जा सकता है। स्टेशन क्षेत्र की गैस एजेन्सियों को रंगपुर रोड से आगे पांच-छह किमी दूर शिफ्ट किया जा सकता है। लघु औद्योगिक क्षेत्र, इन्द्रप्रस्थ में संचालित गैस गोदामों को रानपुर और मण्डाना के आस-पास शिफ्ट किया जा सकता है।
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अलग-अलग कंपनियों की चल रही 12 एजेंसी
शहर में अलग-अलग कम्पनियों की 12 गैस एजेन्सियां संचालित हंै। इसमें दस गैस एजेन्सियों के गोदाम सघन आबादी में आ गए हैं। पत्रिका टीम ने सोमवार को शहर के बीच संचालित गैस एजेन्सियों की स्थिति देखी तो कहीं ट्रक से गैस सिलेण्डर खाली हो रहे थे तो कहीं खाली सिलेण्डरों को रीफिलिंग के लिए ट्रकों में रखा जा रहा था। स्थिति यह थी कि गैस एजेन्सियों के गोदाम से सटी आवासीय मकानों की दीवार बनी हुई है।
बीच कॉलोनी मकानों से घिरा है गैस गोदाम
बजरंग नगर में भी गैस गोदाम है। यह भी घनी आबादी के बीच संचालित है। खेड़ली फाटक व अन्य जगह भी आबादी के बीच गैस गोदाम चल रहा है। एचपीसीएल का गैस गोदाम भी बीच शहर में है। इस गोदाम के एक तरफ तो सटे हुए मकान बने हुए हैं। लोगों का कहना था कि आकाशवाणी कॉलोनी बनने के बाद गैस गोदाम की जगह आवंटित की गई है। उस समय आपत्तियां दर्ज करवाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
आंकड़ों की जुबानी
12 गैस एजेन्सियां शहर में संचालित
10 गैस एजेन्सियां घनी आबादी के बीच
2.50 लाख एलपीजी गैस उपभोक्ता हैं शहर में
8000 एलपीजी गैस सिलेण्डरों की रोजाना डिलीवरी
800-900 सिलेण्डर एक एजेंसी के गोदाम में हमेशा मौजूद
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जिला प्रशासन ने रुचि नहीं दिखाई
सरकार के आदेश की अनुपालन में एसोसिएशन ने नगर विकास न्यास और रीको से शहर से दूर गैस गोदामों के लिए जमीन देने के लिए कई बार पत्राचार किया था। जब आदेश आया था तब हम भी लगातार प्रशासन के सम्पर्क में थे। इस संबंध में कई बार बैठकें भी हुई थी। प्रशासन ने इसमें कोई रुचि नहीं ली। एसोसिएशन ने तो शहर के चारों दिशाओं में जमीन देने का प्रस्ताव भी दिया था।
अरविंद गुप्ता, महासचिव कोटा एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन
गैस कंपनियों के विपणन प्रबंधक एजेंसियों का पर्यवेक्षण करते हैं। सरकार ने सुरक्षा संबंधित नियम बना रखे हैं। इसमें रसद विभाग की जितनी भूमिका होती है, वह पूरी की जाती है।
कपिल झाझडिय़ा, जिला रसद अधिकारी

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