
Mahakumbh 2025: 12 पूर्ण कुंभ के बाद 144 साल बाद आए प्रयागराज महाकुंभ में कोटा के सर्राफा व्यापारी ने सफाईकर्मियों समेत सेवाएं दे रहे अन्य कर्मचारियों और जरूरतमंदों को चांदी के सिक्कों का वितरण किया।
सर्राफा व्यापारी वैभव मित्तल ने बताया कि वे तीन पीढ़ियों से सर्राफा का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चांदी के सिक्कों का वितरण करने की मन हुआ तो दोस्तों के साथ निजी वाहन से 5 फरवरी को महाकुंभ के लिए निकल गए। चार दिन अखाड़े में रुके।
वे कोटा से 1, 2, 5 और 10 ग्राम के करीब 10 किलो चांदी के सिक्के लेकर गए थे। उन्होंने सिक्कों का एक कवर भी बनाया। भगवा रंग के इस कवर पर महाकुंभ-2025 लिखा है। सिक्के शुद्धता में 999.9 फीसदी खरे हैं। इस पर स्वास्तिक का निशान बनाया गया है, जो सनातन का प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि उनके पास सिक्के तो थे, लेकिन महाकुंभ में अव्यवस्था न हो, इसके लिए सफाई कर्मियों के किसी एक ग्रुप को एक स्थान पर बुला लेते थे। किसी भी एक टीम में जुड़े सफाईकर्मी, फायर कर्मचारी, पुलिस कर्मियों, सेना, बीएसफ, सीआईएसएफ के जवानों, मजदूरों और देश के अलग-अलग राज्यों से आए साधु-संतों को वल्लभ और उनके साथियों ने चांदी के सिक्के भेंट किए।
Published on:
12 Feb 2025 02:39 pm
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