scriptOMG: इस खतरनाक बीमारी ने कोटा में बरपाया ऐसा कहर कि हॉस्पिटल हो गए फुल, घर-घर मरीज लड़ रहे जंग… | Dengue Outbreaks in kota | Patrika News
कोटा

OMG: इस खतरनाक बीमारी ने कोटा में बरपाया ऐसा कहर कि हॉस्पिटल हो गए फुल, घर-घर मरीज लड़ रहे जंग…

कोटा में इन दिनों ऐसी खतरनाक बीमारी का प्रकोप बढ़ रहा है की हर परिवार का एक सदस्य इसकी चपेट में आ रहा है।

कोटाOct 29, 2017 / 02:22 am

​Zuber Khan

Dengue Outbreaks

भारत विकास परिषद चिकित्सालय में गैलेरी में भर्ती मरीज।

कोटा . कोटा शहर व आस-पास कहर बरपा रहा डेंगू चिकित्सा विभाग के नियंत्रण के बाहर होता दिख रहा है। रोजाना औसत 40 से 45 मरीज डेंगू पॉजीटिव निकल रहे हैं। ऐसे में सरकारी व निजी अस्पतालों में डेंगू पीडि़तों को भर्ती करने की जगह तक नहीं बची है।
पहले शहर के सभी सरकारी अस्पतालों के वार्ड फुल हुए, अब निजी अस्पतालों की भी यही स्थिति है। निजी अस्पतालों से मरीजों को बेहतर ट्रीटमेंट, डाइट चार्ट देकर घर पर ही उपचार कराने की सलाह दी जा रही है।
डेंगू ने सरकारी-निजी अस्पतालों की व्यवस्था को चौपट कर दिया है। भर्ती करने के लिए पलंग उपलब्ध नहीं होने से निजी अस्पतालों में भी गैलरियों में बैंच लगाकर मरीजों को भर्ती किया हुआ है। क्षमता से ज्यादा पीडि़त आने के कारण मरीजों को घर पर ही उपचार की सलाह दी जा रही है।
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घर पर ही चढ़ रही ड्रिप
जवाहर नगर निवासी अनमोल शर्मा को पिछले 10 दिन से बुखार है। पिछले सप्ताह तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर परिजन निजी अस्पताल लेकर गए। वहां जांच कराई तो डेंगू पॉजीटिव निकला। प्लेटलेट्स कम होने पर परिजनों ने भर्ती करने को कहा तो निजी अस्पताल में जगह नहीं होने का हवाला देकर पूरा ट्रीटमेंट व डाइट चार्ट देकर घर पर ही उपचार की सलाह दी गई। अनमोल की मां रश्मि शर्मा ने बताया कि घर पर ड्रिप चढ़वा रहे हैं। डाइट चार्ट के अनुसार लिक्विड व सेमी लिक्विड दे रहे हैं। हालांकि घर पर पूरा ध्यान रख रहे हैं, लेकिन अस्पताल जैसी केयर यहां नहीं हो पाती।
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यहां जगह नहीं, घर पर कराओ उपचार
बोरखेड़ा निवासी महेन्द्र कुशवाह को खेत पर काम करते समय अचानक बुखार आ गया। कैथून अस्पताल में उपचार कराया, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ। प्लेटलेट्स कम बताई गई। कार्ड टेस्ट में डेंगू पॉजीटिव निकला। निजी अस्पताल में उपचार के लिए गया, लेकिन जगह नहीं होने का हवाला दिया गया। उसके बाद घर पर ही उपचार चल रहा है। घर पर बोतल चढ़ रही है। दवाइयां चल रही हैं। महेन्द्र ने बताया कि सरकारी व निजी अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं, वहां भर्ती करने के लिए जगह ही नहीं बची। मजबूरन उन्हें घर पर ही उपचार करवाना पड़ रहा है।
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भर्ती करने में चल रही सिफारिश
अस्पतालों में डेंगू मरीजों को भर्ती करने में भी नेताओं व बड़े अधिकारियों की सिफारिश चल रही है। इसके बावजूद कई मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे। कई भर्ती मरीज तो इतनी दहशत में हैं कि सेहत में सुधार के बाद भी डिस्चार्ज नहीं हो रहे। उनका कहना है कि डेंगू दोबारा भी हो रहा है। ऐसे में पूरी तरह सही होने के बाद ही अस्पताल से जाएंगे।
अस्पताल की गैलरी फुल
निजी अस्पतालों में बेड नहीं होने के कारण गैलरियों में बैंच लगाकर अतिरिक्त व्यवस्था की हुई है, लेकिन अब यहां भी जगह नहीं है। मरीज लगातार आ रहे हैं। एेसे में मजबूरन चिकित्सकों को मरीजों को लौटाना पड़ रहा है।

नए अस्पताल अधीक्षक डॉ. देवेन्द्र विजयवर्गीय ने बताया कि अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वार्डों में बेड फुल हैं। एमरजेंसी वार्ड में २० बेड की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी, लेकिन वह भी फुल हो गए। आज ही गैलेरी में पांच और बेड
लगाए हैं।

सीएमएचओडॉ. आरके लवानिया ने बताया कि डेंगू से अस्पतालों में बेड की कमी हो रही है, लेकिन लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में बेड की अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है।
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