इस एनआईसीयू में एयरवेनिटलेशन यूनिट रहेगी। इसमें हेपा फिल्टर लगाए जाएंगे। इससे यह ठंडा रहेगा। बच्चों को शुद्ध हवा मिल सकेगी। पूरे एनआईसीयू में एंटी बैक्टेरिया पेंट किया गया है। दीवारों पर वॉल पेंटिंग की गई है। इससे एनआईसीयू खूबसूरत दिख रहा है। इससे स्वच्छ व संक्रमण मुक्त आबोहवा में नवजात व प्रसूताओं का इलाज हो सकेगा। इन एनआईसीयू के बनने के बाद अस्पताल में एक वार्मर पर दो या अधिक नवजातों के भर्ती होने जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
तीन माह का समय लगा अस्पताल में जुलाई में तीसरे व चौथे फेज में एनआईसीयू का कार्य शुरू हुआ था। अक्टूबर में जाकर इसका काम पूरा हो सका। इन एनआईसीयू के तैयार होने से नवजातों में संक्रमण की दर और कम हो सकेगी और इलाज की गुणवत्ता बढ़ जाएगी।
https://www.patrika.com/kota-news/so-far-838-dengue-patients-have-been-reported-in-kota-7136869/ पोर्टेबल सोनोग्राफ ी मशीन लगाई एनआईसीयू में एक पोर्टेबल सोनोग्राफ ी मशीन व टू डी इको भी लगाई गई है। इससे बच्चों की बेड साइड पर ही सोनोग्राफ ी संभव हो सकेगी और दिल की बीमारी की जांच हो सकेगी। इसके अलावा पृथक ट्रांसफ ार्मर डिजी सेट इलेक्ट्रिक कनेक्शन किया गया है। इससे इसकी विद्युत व्यवस्था सुचारू रहेगी। वार्ड के पास ही बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले भी लगाए गए हैं।
https://www.patrika.com/kota-news/825-applicants-got-plots-in-the-plans-of-the-urban-development-trust-7136839/ दो हाई फ्रिक्वेंसी वेंटिलेटर लगाए एनआईसीयू में दो हाई फ्रिक्वेंसी वेंटिलेटर भी लगाए गए हैं। इससे बहुत बीमार व कम वजन के नवजात की बीमारी को मैनेज कर सकेंगे। इसके अलावा आठ नियो वेंटिलेटर लगेंगे।
हैड कूलिंग मशीन लगेगी एनआईसीयू में हैड कूलिंग मशीन लगेगी। यह पैदा होते ही नहीं रोने वाले नवजात के लिए रहेगी। इससे नवजात का ब्रेन डैमेज कम हो सकेगा। फैक्ट फाइल 14 बेड का तीसरा एनआईसीयू
22 बेड का चौथा एनआईसीयू 20 बैड का मदर वार्ड 5.79 करोड़ की आई लागत सुंदर प्रतिक्षालय बनाया प्ले जोन बनाया सेमिनार हॉल बनाया प्रतीक्षालय में तीमारदारों के लिए खाना खाने के लिए ग्रेनाइट की डाइनिंग टेबल लगाई।
एलईडी टीवी लगाई। पहले 32 व 8 बेड कुल 40 बेड का नियोनेटल मोड्यूलर एनआईसीयू था। इनका यह कहना नए एनआईसीयू के बनने से गहन चिकित्सा के लिए नवजात को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो पाएगी। एक बेड पर दो नवजात को भर्ती करने की समस्या का समाधान हो सकेगा।
डॉ. गोपी किशन शर्मा, उपाधीक्षक, जेके लोन अस्पताल नवजात के इलाज की सुविधाओं में विस्तार होगा और यह एनआईसीयू समस्त राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। डॉ. अमृता मंयगर, विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग, जेके लोन अस्पताल