
Half of posts vacant in CAD
चम्बल की दाईं मुख्य नहर में जल प्रवाह शुरू हो गया, बाईं मुख्य नहर में भी जल्द होने को है। आगामी छह माह में नहरी पानी हाड़ौती के किसानों का बड़ा मुद्दा है। राजनीति भी गरमाती है, लेकिन सरकार को इस सब से शायद मतलब ही नहीं। तभी तो, चंबल सिंचित क्षेत्र विकास (सीएडी) महकमा बिना मुखिया के चल रहा।
चंबल सिंचित क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीएडी) में आधे पद खाली चल रहे। राजपत्रित अधिकारियों के 91 में से 12 पद खाली हैं, जबकि अन्य वर्ग के 521 में से 226 पद रिक्त हैं। जिसके चलते देश के दो प्रमुख राज्यों राजस्थान और मध्य प्रदेश का नहरी तंत्र गड़बड़ा गया है। नहरों की सफाई तक नहीं हुई। जिसकी वजह से टेल क्षेत्र तक पानी पहुंचने में दिक्कत आना तय है।
मार्च तक रहेगा जल प्रवाह
दाईं और बाईं नहरों में मार्च तक जल प्रवाह रहेगा। टेल तक पानी पहुंचाने के लिए सीएडी प्रशासन को दिन-रात एक करना पड़ता है। पुलिस और प्रशासन के सहयोग से टेल तक पानी पहुंचता है। क्षेत्रीय विकास आयुक्त (संभागीय आयुक्त) कोटा , बूंदी और बारां कलक्टर से तालेमल बिठाकर नहरी पानी पर निगरानी रखते हैं। लेकिन, करीब सात माह से यह पद खाली है, अतिरिक्त कार्यभार जिला कलक्टर के पास है। वहीं, तीन में से सिर्फ एक अधीक्षण अभियंता कार्यरत हैं, जबकि नहरों के संचालन में अधीक्षण अभियंता की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है।
नहीं हो सकेगी पानी चोरों पर कार्रवाई
नहरों के पानी को टेल तक पहुंचाने में सीएडी के मुखिया की अहम भूमिका होती है। इस पद को संभालने वाला अधिकारी पानी चोरी रोकने के साथ ही नहरों के रखरखाव के लिए भी जिम्मेदार होता है, लेकिन पद खाली होने की वजह से नहरें भगवान भरोसे ही बहेंगी। जबकि इस बार गर्मी ज्यादा होने के कारण पानी की किल्लत ज्यादा आएगी और नहरों के किनारे जिन किसानों के खेत होंगे वह अवैध रूप से नहरें तोड़ कर सिंचाई करने की कोशिश करेंगे। जबकि क्षेत्रीय विकास आयुक्त नहरों में पानी शुरू करने से पहले कोटा, बारां और बूंदी कलक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज नहरी पानी में अवरोध पैदा करने पर संबंधित थाने की ओर से कार्रवाई के निर्देश देते थे। इस दिशा में इस बार अभी कुछ नहीं हुआ है।
Published on:
04 Oct 2017 10:51 am
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