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#sehatsudharosarkar: नींद से जागा स्वास्थ्य विभाग, लापरवाह कर्मचारियों को हटाने के दिए निर्देश

डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारियों के सरकार को गलत आंकड़े देने की खबर छपने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूट है।

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Health department has given instructions for removal of careless staff

राजस्थान पत्रिका में 'डेंगू रोकने में नाकाम रहे तो आंकड़ों में कर दिया खेल' शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में कॉलेज प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा ने एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीके तिवारी को रविवार सुबह सेन्ट्रल लैब में जांच के लिए भेजा। बाद में खुद अधीक्षक के साथ सेन्ट्रल लैब पहुंचकर पीएमओ से जानकारी ली।

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गलत रिपोर्ट करने पर जताई नाराजगी

प्रिंसिपल ने लैब में डेंगू मरीजों के रिकॉर्ड को देखा। परामर्श व परीक्षण केन्द्र में पीएमओ गोपाललाल मीणा से बात की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में तीन चक्कर में करीब दो सौ मरीजों के नमूने लग रहे है। इनमें 50 से 80 के बीच डेंगू मरीज सामने आ रहे है। पीएमओ से उन्होंने गलत रिपोर्ट करने पर नाराजगी जताई। इस पर पीएमओ ने कहा कि हम सीएमएचओ को ऑनलाइन रिपोर्ट भेज रहे है। उधर, सीएमएचओ कम आंकड़े बता रहे हैं।

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सरकार तक नहीं पहुंच रही रिपोर्ट

शहर में तांडव मचा रहे डेंगू के सही आंकड़े सरकार तक नहीं पहुंच रहे है। चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस सीजन में 900 से अधिक मरीज डेंगू की चपेट हैं, जबकि सेन्ट्रल लैब में यह आंकड़ा डेढ़ गुना पहुंच गया है। आंकड़ों को लेकर चिकित्सा विभाग संदेह के घेरे में है। कोटा में महामारी का रूप ले चुके डेंगू के आंकड़े प्रदेश में नम्बर वन पहुंच गए, लेकिन सरकार तक भी आंकड़े नहीं पहुंचाए जा रहे है। गत दिनों खुद चिकित्सा मंत्री बयां कर चुके है कि कोटा में महामारी का रूप ले चुके डेंगू के सही आंकड़े मेरे पास नहीं पहुंच रहे है।

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डेंगू से 34 मौतों का जिम्मेदार कौन?

कोटा में इस सीजन में डेंगू से अब तक 34 मौते हो चुकी हैं। इन मौतों का जिम्मेदार कौन है। चिकित्सा विभाग व नगर निगम हाथ पर हाथ धरा बैठा है। फोगिंग व सर्वे के अलावा कुछ काम नहीं हो रहा। जिला प्रशासन बैठकों में उलझा हुआ है। फील्ड की हकीकत प्रशासन को नहीं पता।

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लापरवाह कर्मी को नहीं बख्शेंगे

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा ने कहा कि डेंगू के आंकड़ों में आ रहे अंतर को दिखवाया जा रहा है। इसके लिए अधीक्षक को जांच के लिए कहा है। सप्ताह में दो दिन राउंड लेने के लिए कहा है। लैब प्रभारी को बोला है कि आंकड़ों में फेरबदल नहीं होना चाहिए। इस मामले में जो भी दोषी होंगे। उनके खिलाफ एक्शन लेंगे। प्रिंसिपल ने भी माना कि डेंगू मरीजों की रिपोर्ट में गड़बड़झाला हो रहा है। उन्होंने एमबीएस अस्पताल अधीक्षक को डॉ. पीके तिवारी से पूरे मामले में एक्शन लेने, तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट पेश कर गलत सूचना देने वाले कार्मिकों को हटाने के कहा है। वहीं सीएमएचओ डॉ. आरके लवानिया ने कहा कि डेंगू के आंकड़ों के मामले में पता किया था। यहां सिर्फ जिले में भर्ती मरीजों के ही आंकड़े भेजे जा रहे हैं। इस कारण आंकड़े सही नहीं आ रहे है। बाकी आंकड़े अपने-अपने जिलों में भेजे जा रहे हैं।

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डेंगू से कॉलेज छात्र की मौत

शनिवार रात को राजकीय महाविद्यालय के एक छात्र की डेंगू से मौत हो गई। अनंतपुरा निवासी जुल्फीकार (18) राजकीय महाविद्यालय में प्रथम वर्ष का विद्यार्थी था। बुखार आने पर परिजनों ने उसे शुक्रवार को तलवंडी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जांच में उसे डेंगू पाया गया। शनिवार रात को उसकी मौत हो गई। उधर, कोटा संभाग में रविवार को डेंगू के कुल 24 मामले सामने आए है। इनमें कोटा के 19, बारां के 3, बूंदी 1, चितौडगढ़ का 1 रोगी शामिल है।