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सांगोद तहसील के मोईकलां कस्बे में धुलंडी के मौके पर करीब सौ साल पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए दूल्हे को गधे पर बिठाकर सैकड़ों ग्रामीणों ने जुलूस निकाला।
आपने दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर जुलूस निकालते हुए कई बार देखा होगा, लेकिन गधे पर बिठाकर जुलूस निकालने की यह परंपरा विरले ही देखने को मिलती है।
कोटा जिले की सांगोद तहसील के मोईकलां कस्बे में धुलंडी के अवसर पर यह अनूठी परंपरा पिछले सौ वर्षों से निभाई जा रही है।
चार दिवसीय न्हाण लोकोत्सव के तहत न्हाण अखाड़ा बाजार पाड़ा और न्हाण अखाड़ा माली पाड़ा की ओर से धुलंडी के दिन एक व्यक्ति को प्रतीकात्मक दूल्हा बनाकर गधे पर बिठाया जाता है। इस दौरान सैकड़ों लोग जुलूस में शामिल होते हैं।
सम्मान का प्रतीक
जो व्यक्ति दूल्हा बनता है, वह इसे अपने लिए सम्मान की बात मानता है। जुलूस के दौरान कई जगह दूल्हे का सत्कार भी किया जाता है। न्हाण सदस्यों का कहना है कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसे लुप्त नहीं होने देंगे। आज के दिन दूल्हा बनकर गधे पर बैठना किसी तमगे से कम नहीं माना जाता। जुलूस देखने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ती है और घरों की छतों पर लोग इसे देखने के लिए जमा हो जाते हैं।
Updated on:
15 Mar 2025 08:35 am
Published on:
14 Mar 2025 06:56 pm
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