
कोटा.
राज्य सरकार की ओर से गठित जांच दल को इमानुएल मिशन संस्था की जांच के दौरान कई तरह की गडबडिय़ां मिली हैं। संस्था में रहने वाले बच्चों का न तो रिकॉर्ड पूरा है और न ही संख्या। यहां तक की बच्चों का स्थायी पता तक बदलकर कोटा का कर दिया गया है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व जांच टीम में शामिल हरीश गुरुबक्शानी ने बताया कि तीन दिन इमानुएल संस्था के रायपुरा व डडवाड़ा स्थित कार्यालय व हॉस्टल्स की जांच की गई। वहां से रिकॉर्ड लेने का प्रयास किया गया लेकिन संस्था प्रबंधन ने कोई सहयोग नहीं किया। इसके बावजूद वे जितना रिकॉर्ड प्राप्त कर सकते थे, किया है।
उन्होंने बताया कि जांच दल ने संस्था में रहने वाले बच्चों से मौके पर बात की तो उनमें 46 लड़के व 41 लड़कियां मिली लेकिन जब संस्था से बच्चों की सूची मांगी गई तो उन्होंने मात्र 39 की सूची दी। बच्चों की संख्या में इतना बड़ा अंतर आना अपने आप में बड़ी गड़बड़ी है।
कमरा सीज
उन्होंने बताया कि संस्था में रहने वाले अधिकतर बच्चे बिहार, झाबुआ व नॉर्थ ईस्ट के हैं जो जहां हॉस्टल में अस्थायी पते से रह रहे हैं। लेकिन संस्था ने उन सभी बच्चों के जो आधार कार्ड बनवा रखे हैं, स्थायी पता ही बदलकर इमानुएल संस्था कर दिया है। उन्होंने बताया कि संस्था प्रबंधन ने एक कमरा खोलकर ही नहीं दिखाया। इसम़ें उनका काफी रिकार्ड है। उस कमरे को सीज कर पुलिस व प्रशासनिक अधकारियों को अवगत करवा दिया गया है।
Published on:
19 Jan 2018 10:26 am
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