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टूटा 10 साल का रिकॉर्ड: राजस्थान में आई आफत की बारिश, खतरे के निशान से ऊपर आई नदी, खाली करवा दिए घर

10 Years Rain Record Broken: बारां जिले में जुलाई माह में ही 1111.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि बीते 10 वर्षों का औसत 1001 मिमी ही रहता था। अटरू क्षेत्र में सर्वाधिक 1371 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

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कोटा

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Akshita Deora

Jul 30, 2025

बाढ़ जैसे हालात (फोटो: पत्रिका)

Highest Rainfall Causes Flood Like Situation: बारां में भारी बारिश ने पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदियों में उफान है, सैकड़ों गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई है। कई इलाके टापू में तब्दील हो चुके हैं। प्रशासन हाई अलर्ट पर है और मुनादी कर लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है।

जुलाई में ही टूटा 10 सालों का रिकॉर्ड


बारां जिले में जुलाई माह में ही 1111.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि बीते 10 वर्षों का औसत 1001 मिमी ही रहता था। अटरू क्षेत्र में सर्वाधिक 1371 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस असामान्य बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां

कोटा-श्योपुर मार्ग पर स्थित पार्वती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पानी बस्तियों में घुस चुका है, जिससे लोग जरूरी सामान समेटकर पलायन करने लगे हैं। खातौली में प्रशासन ने मुनादी करवा कर लोगों को घर छोड़ने की अपील की है।

नाहरगढ़ में चारों तरफ पानी


बारां जिले का नाहरगढ़ क्षेत्र चारों ओर से पानी में घिर गया है। बरनी नदी की पुलिया टूट चुकी है, जिससे नाहरगढ़–भंवरगढ़ व फतेहगढ़ मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हैं। जलवाड़ा जाने वाले रास्ते भी बहाव में बंद हैं। बिजली और नेटवर्क सेवा ठप है।

टूटा संपर्क

इटावा क्षेत्र में सुखनी नदी उफान पर है। कई पुलियों पर तीन से चार फीट पानी बह रहा है जिससे पीपल्दा, रोन, करवाड़ से संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। इटावा उपखंड मुख्यालय से भी संपर्क टूट चुका है।

हाई अलर्ट मोड पर आया प्रशासन


तहसीलदार गणेश खंगार भी मौके पर हैं और स्थिति की निगरानी की जा रही है। वहीं बादीपुरा तालाब का कट्टा खिसकने से बहाव तेज हो गया है। सिमलोद में जलभराव पर नियंत्रण है लेकिन बारिश नहीं थम रही।