
कोटा मेडिकल कॉलेज
कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से बड़े राष्ट्रीय प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी मिली है। जनसंख्या आधारित स्ट्रोक रजिस्ट्री प्रोजेक्ट के तहत न्यूरो से जुड़े रोगियों की संख्या और उनसे जुड़ी जानकारियों के बारे में पता लगाया जाएगा। विभाग उनकी केस स्टेडी पर रिसर्च करेगा। यह प्रोजेक्ट देशभर के पांच मेडिकल कॉलेजों को मिला है। उत्तर भारत में केवल कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग को यह प्रोजेक्ट मिला है। इसके अलावा कटक, सीलचर, बीएचयू और तमिलनाडु के एक कॉलेज को यह जिम्मेदारी मिली है। कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विजय सरदाना ने वर्ष 2012 में इस प्रोजेक्ट के लिए आवेदन किया था। देशभर के 65 मेडिकल कॉलजों की आेर से आए आवेदनों के बाद केवल पांच को इसके लिए चुना गया।
प्रोजेक्ट से यह लाभ होगा
क्षेत्र में जितने भी न्यूरो रोगी हैं उनका सबका पता लगाया जाएगा और रिसर्च की जाएगी। इसके लिए फील्ड में भी विशेषज्ञ तैनात किए जाएंगे। इससे राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को स्वास्थ्य की कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी। न्यूरो से जुड़ी किस-किस तरह की बीमारियों के कितने रोगी हैं, इसका डाटा तैयार होगा। कोटा मेडिकल कॉलेज को राष्ट्रीय स्तर पर योगदान करने का मौका मिलेगा।
तीन साल के प्रोजेक्ट के लिए मिलेगा फंड
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग को फंड मिलेगा। तीन साल में पूरा होने वाले इस प्रोजेक्ट पर करीब 60 लाख रुपए खर्च होने की संभावना है। अभी न्यूरो रोगियों की वास्तविक संख्या का पता नहीं होने के कारण उपचार की विस्तृत कार्य योजना नहीं बन पा रही है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर उपचार में मदद मिलेगी।
Published on:
30 Oct 2017 02:12 pm
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