
खुलासा: पन्नालाल ने घूस की रकम से खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य, सम्पत्ति देख एसीबी के उड़े होश
कोटा. एसीबी ( Anti-Corruption Bureau ) के शिकंजे में फंसे खान विभाग के घूसखोर अफसर पन्ना लाल मीणा ( Mines Officer Panna Lal Meena ) का कच्चा चिट्ठा खुलने लगा है। घूस की रकम से अधीक्षण खनिज अभियंता (एसएमई) मीणा (Superintending Mineral Engineer. SME ) ने करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति खड़ी कर ली थी। रावतभाटा के जावरा गांव में 100 बीघा से ज्यादा जमीन और झालावाड़ में भवानीमंडी रोड पर पेट्रोल पंप और रामगंजमंडी, भवानीमंडी, डाबी और बिजौलिया की 50 से ज्यादा खानों में भी उसकी बराबर की हिस्सेदारी सामने आई है।
Read More: राजस्थान के सबसे बड़े भ्रष्ट अफसर को कोटा एसीबी ने दबोचा, देशभर के भ्रष्ट अधिकारियों में मचा हड़कम्प
रावतभाटा में करोड़ों की बेनामी जमीन
एसीबी की जांच में पन्ना लाल मीणा की बेनामी संपत्ति सामने आ रही है। एसीबी ट्रेप के बाद घर से बरामद हुए संपत्ति के दस्तावेजों से शुरुआत में पन्ना लाल मीणा की पत्नी सुगना मीणा के नाम से चार बीघा कृषि भूमि और फार्म हाउस की जानकारी मिली थी, लेकिन जब मौके पर पड़ताल की गई तो इससे सटी जमीन 100 बीघा से ज्यादा जमीन पर भी उसी का कब्जा मिला। जिसकी देखभाल उसकी पत्नी का भाई रामस्वरूप मीणा करता है। यह जमीन उसने पुलिस विभाग में तैनात अपने रिश्तेदार के रावतभाटा में पोस्टिंग के दौरान खरीदी थी। देश के अति संवेदनशील इलाके में मौजूद इस जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। इसी जमीन के एक हिस्से पर पन्ना लाल ने गैस एजेंसी का गोदाम भी बना रखा था। जबकि गोदाम के नजदीक से आरएपीपी की हाईटेंशन सप्लाई लाइन भी गुजर रही है। बावजूद इसके अपने रसूखों के जरिए सभी नियमों को धता बता गोदाम बनाने की एनओसी तक हासिल कर ली।
Read More: खान विभाग में महाभ्रष्टाचार: फर्जी मार्कशीट से की 38 साल नौकरी, माफियाओं से सांठगांठ कर बसाई अकूत सम्पति
ट्रेप के दौरान मौजूद थे मातहत
भैंस और गायों की देखभाल से लेकर डेयरी समेत सारे धंधों के संचालन में खान विभाग के कर्मचारी ही बेगार करते थे। एसीबी ने जिस समय पन्ना लाल मीणा को एक लाख रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचा था उस वक्त कोटा दफ्तर में तैनात आठ कर्मचारी घर के काम निपटाने में लगे हुए थे। छापेमारी होते ही मीणा ने सबसे पहले उन्हें वहां से हटाया था।
सरकार ने भी मूंदी आंखें
पन्नालाल के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उदयपुर स्थित खान निदेशालय के अफसरों ने मंत्रालय और खान विभाग के सचिव को पन्ना लाल मीणा के कारनामों की न सिर्फ पूरी जानकारी दी थी, बल्कि उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति इक_ा करने और विभाग को आकंठ भ्रष्टाचार में डुबोने के पुख्ता सबूत दे उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की थी, लेकिन पन्ना लाल के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय सरकार ने उदयपुर में तैनात इस आला अधिकारी को ही पद से हटा दिया।
महिला रिश्तेदार चला रही पेट्रोल पंप
पन्ना लाल मीणा ने भाई, पत्नी और साले ही नहीं, रिश्तेदारों के बच्चों के नाम पर भी संपत्तियां खड़ी कर रखी थीं। एक महिला रिश्तेदार के नाम पर आरोपी एसएसमई पेट्रोल पंप भी संचालित कर रहा था। रिश्वत के बदले मोती मार्बल पर बिक्री के लिए पत्थर और मार्बल तक मंगाने के साथ ही खानों में हिस्सेदारी भी लेता था। रामगंजमंडी, भवानी मंडी, डाबी और बिजौलिया की 50 से ज्यादा खानों में उसने पार्टनरशिप हासिल कर रखी थी। इस पूरे धंधे का लेन देन खान विभाग का सेवानिवृत्त लिपिक ही देखता था।
Published on:
30 Dec 2019 01:36 am
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
