
चम्बल सिंचित क्षेत्र विकास प्राधिकरण (काडा) की बैठक
कोटा . चम्बल सिंचित क्षेत्र विकास प्राधिकरण (काडा) की बैठक शुक्रवार को सीएडी सभागार में कार्यवाहक संभागीय आयुक्त रोहित गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। जिसमें चम्बल की नहरों की सफाई नहीं होने के कारण जल प्रवाह करने की तिथि तय नहीं हो पाई है। हालांकि दाईं मुख्य नहर में 1 से 5 तथा बाईं मुख्य नहर में 10 अक्टूबर तक जल प्रवाह करने पर सहमति बनी।
बैठक में सांसद और विधायकों ने नहरों के घटिया निर्माण पर अभियंताओं की जमकर खिंचाई की। सांसद ओम बिरला ने कहा कि निर्माण कार्यों की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से जांच करवाएंगे और अभियंताओं को सस्पेंड करवा देंगे। चम्बल परियोजना समिति के सभापति सुनील गालव व सदस्य अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए बैठक से जाने लगे। जिन्हें कार्यवाहक संभागीय आयुक्त ने उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर रोका।
बैठक में सदस्यों ने कहा कि पलेवा के लिए पानी की जरूरत है, लेकिन अभी तक नहरों की सफाई नहीं हुई है। कैसे पानी छोडऩे की तिथि तय होगी। विधायक भवानीसिंह राजावत ने कहा कि नहरों की स्थिति बहुत खराब है। करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी काम नहीं दिख रहा। विधायक हीरालाल नागर ने दीगोद डिस्ट्रीब्यूटर का मामला उठाते हुए कहा कि अभी तक कार्यादेश क्यों जारी नहीं हुआ। जिम्मेदार जवाब दें? इस पर अभियंता ने कहा कि दो दिन पहले ही कार्यादेश दिया है, लेकिन काम मार्च के बाद शुरू होगा। पीपल्दा विधायक विद्याशंकर नंदवाना ने कहा कि शहरीकरण से जो क्षेत्र डी कमांड हुआ है उसकी एवज में भांडाहेडा-चौमा लिफ्ट सिंचाई परियोजना के कार्य को गति दी जाए। बूंदी जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार ने भी नहरों की सफाई नहीं होने की बात मानी।
मंत्री और सांसद दुष्यंत नहीं पहुंचे
हाड़ौती में नहरी पानी सबसे बड़ा मुद्दा होता है, लेकिन जनप्रतिनिधि नहरी पानी को लेकर गंभीर नहीं है। सिंचित क्षेत्र से बूंदी के विधायक अशोक डोगरा, केशवरायपाटन विधायक व मंत्री बाबूलाल वर्मा नहीं आए। इस कारण बूंदी के किसानों की आवाज बैठक में नहीं उठ पाई। अंता से विधायक और कृषि मंत्री प्रभूलाल सैनी भी सदस्य है, लेकिन वे भी नहीं आए। झालावाड़-बारां के सांसद दुष्यंतङ्क्षसह भी बैठक में नहीं पहुंचे। कोटा और बूंदी के जिला प्रमुख भी अनुपस्थित थे। तीनों जिलों के एसपी और बारां के कलक्टर भी नहीं आए।
कार्रवाई के निर्देश
सांसद बिरला ने कहा कि चम्बल सिंचित क्षेत्र के प्रत्येक किसान को सिंचाई का पानी समय एवं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो इसके लिए नहरों से संबंधित सभी कार्य समय पर पूरे किए जाए। नहरी तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार की ओर से स्वीकृत बजट का उपयोग कर निर्माण कार्य की निरन्तर मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता
बताई। साथ ही लापरवाह अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
जल संचालन के कार्यों का बहिष्कार करेंगे
परियोजना के सभापति गालव ने कहा कि नहरों के कार्यों व जल संचालन के लिए परियोजना समिति गठित है, लेकिन अधिकारी समिति की उपेक्षा करते हैं। इसलिए नहरों के जल संचालन कार्यों का बहिष्कार करेंगे और किसी भी तरह का सहयोग नहीं करेंगे। उप सभापति अशोक नंदवाना ने भी अभियंताओं की खिंचाई की।
Published on:
23 Sept 2017 02:10 am
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
