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दबंगों की दबंगई से ड़रा लाचार निगम प्रशासन, बोला हमसे नहीं होगा ये काम

कोटा. नगर निगम की लाचारी का सबूत शहर को मिल गया है।

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कोटा

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abhishek jain

Dec 01, 2017

kota news

कोटा .

राजनीतिक रसूखात के बूते दबंगई से हुए सरकारी जमीनों पर कब्जे हटाने में नगर निगम की लाचारी का सबूत नई प्रस्तावित गोशाला के बहाने ही सही, शहर को मिल गया है। न्यास की ओर से नई गोशाला के लिए नि:शुल्क दी जाने वाली खड़े गणेश जी मंदिर की पीछे वाली जमीन का मौका देखने के बाद निगम प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए, अधिकारियों ने निर्माण समिति की बैठक में स्वीकार कर लिया कि यहां किए कब्जों को हटाना निगम के बस की बात नहीं। ऐसे में अब उम्मेदगंज में नई जमीन तलाशी गई है।

नगर निगम बोर्ड के तीन साल पूरे होने पर महापौर पांच हजार क्षमता की नई गोशाला बनाने की घोषणा करते हुए मुख्य उपलब्धि बता रहे थे। लेकिन, जिस जगह नई गोशाला बनाई जानी थी, वहां पर प्रभावशाली लोगों के कब्जे देखकर निगम पलटी खा गया। गुरुवार को निर्माण समिति की बैठक में भी अधिकारियों ने स्पष्ट कह दिया कि न्यास गोशाला के लिए जो जगह बता रहा है, वहां दबंग लोगों के कब्जे हैं, वह हटाना निगम के बूते में नहीं है।

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कलक्टर के साथ बैठक में हुआ था तय
पिछले सप्ताह जिला कलक्टर की अध्यक्षता में नगर निगम और नगर विकास न्यास के अधिकारियों की बैठक में आवारा मवेशियों की समस्या के स्थायी समाधान के लिए शहर के आसपास कहीं गोशाला बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में नगर विकास न्यास ने खडे गणेशजी मंदिर के पीछे व रावतभाटा रोड पर गोशाला के लिए नि:शुल्क जगह देने पर सहमति दे दी। बैठक में महापौर महेश विजय भी मौजूद थे। महापौर ने तीन दिन पहले गोशाला की जगह देने के लिए न्यास को पत्र भी लिख दिया।

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मौका देखा तो खुली आंखें
न्यास की ओर से गोशाला के लिए प्रस्तावित जगह दो दिन पहले महापौर, गोशाला समिति के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता प्रेमशंकर शर्मा आदि ने देखी। इस जगह पर राजनीतिक रसूखात वाले लोगों ने बाडे बनाकर कब्जे कर रखे हैं। मौका देखने के बाद अफसर नतीजे पर पहुंचे कि यह यह जगह खाली नहीं हो सकती है। इसके बाद उम्मेदगंज में गोशाला के लिए जगह तलाशी गई। यहां करीब 15 बीघा जमीन निगम की और करीब चालीस बीघा न्यास की जमीन खाली पड़ी है। इस जमीन को उपयुक्त मानते हुए निगम ने यहां गोशाला बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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15 करोड़ का बजट पारित
निर्माण समिति की बैठक में सिटी योजना के तहत उम्मेदगंज में 15 करोड़ की लागत से एक नई गौशाला का निर्माण करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस जमीन पर अभी गर्दभ मेला लगता है। शहर के पास होने से गोशाला के लिए उपयुक्त मानी गई है।