
मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को गहलोत सरकार ने डाला ठंडे बस्ते में...
कोटा.Nagar Nigam अधिकारियों ने कोटा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की सुनहरी तस्वीर शहर की जनता को ही नहीं केन्द्र सरकार तक को दिखा दी। लेकिन प्रदेश सरकार बदलते ही सभी योजनाएं ठण्डे बस्ते में चली गई। तभी तो शहर में स्मार्ट ट्रैफिक प्लान के साथ स्मार्ट पार्किंग भी खटाई में पड़ गई। अधिकारियों को याद ही नहीं कि शहर में स्मार्ट पार्किंग भी बनानी थी। उनकी कमजोर याददाश्त (Weak memory) का दंश शहर की जनता और व्यापारी झेल रहे हैं।
कोटा व्यापार महासंघ और नगर निगम ने स्थानीय व्यापार संघों के साथ मिलकर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में नए पार्किंग स्थान चिह्नित किए थे। इसमें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project) के तहत कोटड़ी रोड पर तीन मंजिला मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाने का फैसला हुआ था। इसके लिए जगह भी चिह्नित कर ली गई थी। बाद में योजना को ठण्डे बस्ते में डाल दिया। अभी कुछ जगह पर तो अतिक्रमण (Encroachment) हो गया है, कुछ भाग पर कार पार्किंग हो रही है। यहां पार्किंग विकसित करने से आसपास के व्यापारियों और लोगों को बड़ी राहत मिलती।
यहां है प्रस्तावित पार्किंग
- निगम ने दो साल पहले मल्टीपरपज( Multipurpose) स्कूल के एक भाग पर मल्टीस्टोरी पार्किंग की जगह देखी थी। यह जमीन लेने के लिए राज्य सरकार से पत्राचार करने का निर्णय भी हुआ था, लेकिन सहमति नहीं बन पाई।
- जीएमए प्लाजा, न्यू क्लॉथ मार्केट, स्वर्ण रजत मार्केट तथा सर्राफा मार्केट (Sarafa market) के व्यापारियों व ग्राहकों के लिए पुरानी सब्जी मंडी की खाली जगह पर नगर विकास न्यास के माध्यम से पार्किंग विकसित करने का प्रस्ताव है। स्थानीय व्यापारियों ने स्वायत्त शासन मंत्री को यहां मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाने का सुझाव भी दिया है।
- डीसीएम रोड पर पेट्रोल पम्प के सामने वाली रोड पर न्यास की ओर से पेड पार्किंग की योजना है। इसके टेण्डर भी जारी कर दिए गए हैं।
- गुमानपुरा में तिकोना पार्क की जगह पार्किंग स्थल विकसित करने के बारे में चर्चा हुई थी। व्यापारियों ने यहां पार्किंग स्थल विकसित करने का सुझाव दिया था।
- गुमानपुरा में ही फर्नीचर मार्केट के पास एक पार्क के पास खाली जगह पर भी पार्किंग विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
- स्टेशन (kota station) पर राम मंदिर के पास के क्षेत्र में स्थानीय व्यापार संघ ने पार्किंग स्थल विकसित करने का सुझाव दिया था। इस पर निगम के अधिकारियों ने मौका भी देखा, लेकिन योजना ठण्डे बस्ते में चली गई।
शहर के बाजारों में ट्रैफिक और पार्किंग सबसे बड़ी समस्या है। इसका स्थायी समाधान की जरूरत है। इस संबंध में पुलिस, जिला प्रशासन, नगर निगम और नगर विकास न्यास के अधिकारियों के साथ चर्चा भी हुई थी। बाजारों में पार्किंग की समस्या का कैसे समाधान हो सकता है। इस बारे में व्यापार संघों के साथ चर्चा करेंगे। पार्किंग नहीं होने से कारोबार पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। - अशोक माहेश्वरी, महासचिव, कोटा व्यापार महासंघ
शहर का ट्रैफिक और पार्किंग का नया प्लान बनाया जा रहा है। इस बारे में अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं। कैसे सुव्यस्थित यातायात व्यवस्था (Traffic arrangement) हो सकती है, इस दिशा में काम चल रहा है। एरोड्राम सर्किल और अण्टाघर चौराहे पर अंडरपास (Underpass) जनता की सुविधा के लिए बनाए जा रहे हैं। - शांति धारीवाल, नगरीय विकास मंत्री
Published on:
26 Jun 2019 08:00 am
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