पार्किंग स्टैण्ड खाली पड़ा रहने के बावजूद कमाई के लालच में वाहनों को नो पार्किंग जोन में खड़ी करवा रहे है। अस्पताल में गेट नं. 2, ओपीडी व पंजीकरण, गेट नं. 3 ब्लड बैंक के सामने व गेट नं 4 नो पार्किंग जोन है, लेकिन यहां पार्किंग स्थल से ज्यादा वाहन खड़े रहते है। इसके चलते कई बार तो इमरजेंसी गेट के बाहर पैदल निकलने के लिए जगह भी नहीं बचती।
पार्र्किंग में दो पहिया वाहनों के लिए 5 रुपए व कार जीप के लिए 10 रुपए शुल्क निर्धारित है। जबकि स्टैण्ड संचालक नो पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करने के बदले दो पहिया वाहनों के लिए दस रुपए व कार जीप के लिए बीस रुपए वसूल रहा है। वाहन चालकों को दिए जाने वाली रसीद में भी बढ़ाई हुई राशि अंकित है। महावीर नगर निवासी जेपी मीणा ने बताया कि स्टैंड संचालक ने उनकी गाड़ी नो पार्किंग जोन में खड़ी करवाई और उसके बदले बीस रुपए की रसीद थमा दी। बूंदी जिले के ढीकरिया चारणान गांव निवासी जगदीश नागर अपनी मां को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए जीप से लेकर आए। स्टैण्ड संचालक ने उन्हें बीस रुपए की रसीद थमाई और 70 रुपए मांगे, जब उन्होंने विरोध किया तो उनसे पचास रुपए लिए।
नो पार्किंग जोन में गाडिय़ां खड़ी करने पर यदि कोई चोरी हो जाए या किसी गाड़ी से कोई सामान चोरी हो जाए तो स्टैण्ड संचालत यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि आपकी गाड़ी नो पार्किंग जोन में खड़ी थी। चार दिन पहले किशोरपुरा निवासी रशीद ऑटो लेकर अस्पताल गया था। उसका ऑटो भी नो पार्किंग जोन में खड़ा करवाया और बीस रुपए की रसीद थमा दी। पीछे से कोई ऑटो से बैटरी चुरा ले गया।