
तब खुद अशोक गहलोत का भी कट गया था टिकट...फिर उठाया था यह कदम
कोटा डिजिटल डेस्क. विधानसभा चुनावों को लेकर हर और बागी प्रत्याशियों की ही चर्चा हैं। टिकट कटने पर पार्टी को छोड़कर निर्दलीय चुनाव लडऩे या दल-बदल का लम्बा सिलसिला मौजूदा चुनावों में भी देखने को मिला हैं। मौजूदा राजनीतिक परिवेश में नेता पहले जितना संवेदनशील नहीं होते हैं। एक समय था जब टिकट कटने पर बड़े नेता भी पार्टी के निर्णय को स्वीकार कर प्रत्याशी के लिए प्रचार करते थे, इनमें से एक पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी हैं। 2003 के चुनावों में बारां में आयोजित एक सभा में खुद गहलोत ने इस बात का जिक्र किया था। तब बारां से कांग्रेस के बागी नेता प्रमोद जैन भाया पर तंज कसते हुए गहलोत ने कहा था कि ,'टिकट मांगना हर नेता का अधिकार होता है लेकिन टिकट न मिलने पर बगावत करना एक अक्षम्य अपराध हैं। 1977 में जब मैंने पार्टी से टिकट मांगा तो मेरा टिकट काटकर पूनमचंद विश्नोई को दे दिया गया लेकिन मैंने बगावत नहीं की । अगले दिन से उनके साथ लग गया और चुनाव भी जिताया।
Published on:
24 Nov 2018 06:17 pm
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
