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Video: दे​खिए वन्दे भारत ट्रेन की रफ्तार, कोटा में हुआ है ट्रायल

पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल का नाम भारतीय रेलवे में एक फिर ऐतहासिक तौर पर जुड़ गया। कोटा मंडल में कोटा-नागदा रेलखंड में वन्दे भारत ट्रेन का गति परीक्षण 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया जा रहा है।

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कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल का नाम भारतीय रेलवे में एक फिर ऐतहासिक तौर पर जुड़ गया। कोटा मंडल में कोटा-नागदा रेलखंड में वन्दे भारत ट्रेन का गति परीक्षण 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया जा रहा है। इस रेक में अत्याधुनिक डिजाइन के कोच लगाए गए हैं। वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से भारत में निर्मित सेमी हाई-स्पीड ट्रेन है। वंदे भारत ट्रेन सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन युक्त ट्रेन है। इसमें अलग से इंजन लगा हुआ नहीं है। इसमें स्वचलित दरवाजे और वातानुकूलित चेयर कारों के कोच हैं और रिवॉल्विंग चेयर दी गई हैं जो 180 डिग्री तक घूम सकती है। गति परीक्षण के दौरान शुक्रवार को भवानीमंडी से कोटा तथा कोटा से घाट का बराना के बीच कुछ रेल सेक्शन में वंदे भारत ट्रेन के रेक को लोड रहित स्थिति में 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाकर परीक्षण किया गया। गत 24 अगस्त को कोटा स्टेशन पर गति परीक्षण के लिए वन्दे भारत ट्रेन का रेक पंहुचा था। इस वन्दे भारत ट्रेन की प्रारंभिक जांच के दौरान वॉशिंग पिट में धुलाई तथा साफ-सफाई की गई। इसके अलावा ट्रेन के सभी प्रकार के उपकरणों और पैनल की भी जांच की गई। वन्दे भारत ट्रेन का स्पीड ट्रायल आरडीएसओ, लखनऊ टीम कोटा मंडल के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर कर रही है।पश्चिम मध्य रेलवे के नागदा-कोटा-सवाई माधोपुर (अप और डाउन लाइन पर) रेल खंड पर वंदे भारत ट्रेन सेट का विस्तृत ऑसिलेशन गति परीक्षण किया जा रहा है। आरडीएसओ की टीम नई डिजाइन वाली वंदे भारत ट्रेन सेट के साथ 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम परीक्षण गति के साथ ट्रेन सेट के 16 डिब्बों के प्रोटोटाइप रेक के विस्तृत ऑसिलेशन परीक्षण कर रही है। पहले चरण का परीक्षण कोटा और घाट का बराना स्टेशन के बीच, दूसरा घाट का बराना और कोटा, तीसरा ट्रायल कुर्लासी और रामगंजमंडी के बीच डाउन लाइन पर नॉन-रिकॉर्डिंग, चौथा और पांचवां परीक्षण कुर्लासी और रामगंजमंडी के बीच डाउन लाइन पर एवं छठा परीक्षण रामगंजमंडी और लबान डाउन लाइन पर किया गया। इसी दौरान कई स्थानों पर गति के कांटे ने 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को छू लिया।