
Tiger T-62 reached Bundi from Ranthambore Tiger Reserve
मुकुदंरा हिल्स टाइगर रिजर्व को बसाने के लिए जोर-शोर से कवायद की जा रही है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व से एक नर और दो मादा बाघों को लाकर मुकुंदरा में बसाया जाएगा। इसके लिए रणथंभौर टाइगर रिजर्व ने 9 बाघ चिन्हित किए हैं। यह वो बाघ हैं जो रणथंभौर टाइगर रिजर्व छोड़कर अपने नए इलाके की तलाश में जुटे हैं। वन विभाग रणथंभौर के इन टाइगर को एक-एक कर मुकुंदरा लेकर आएगा और पहले कुछ महीने इनके लिए बनाए गए खास इनक्लोजर्स में रखा जाएगा। इसके बाद जब वह मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के माहौल के अभ्यस्त हो जाएंगे तब उन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।
कोटा से पहले बूंदी में आया टाइगर
वन विभाग के अफसर अभी रणथंभौर से टाइगर लाकर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बसाने की कोशिशों में ही जुटे रह गए, वहीं दूसरी ओर बूंदी में टाइगर पहुंच भी गया। दरअसल हुआ ये कि रणथंभौर का टी-62 टाइगर रणथम्भौर से निकलकर क्वालंजी के रास्ते से एकबार फिर बूंदी जिले के तलवास इलाके के जंगलों में पहुंच गया। बाघ यहां बासी के निकट तीन दिन से अपनी जगह तलाश रहा है। वन विभाग ने पगमार्क लेने के बाद बाघ के बासी के निकट जंगल में मौजूद होने की पुष्टि कर दी है।
3 साल से घूम रहा है इस इलाके में
टी-62 टाइगर रणथंभौर टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-8 का शावक है। टी-62 ने पहली बार साल 2014 में रणथंभौर का इलाका छोड़ रामगढ़ विषधारी की ओर रुख किया था। इस इलाके में यह एक साल तक रुका था। इसके बाद टी-62 का मूवमेंट लगातार रणथंभौर और तलवास रेंज के अलावा फलौदी क्वारी में बना हुआ है। इंद्रगढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी रामबाबू शुक्ला ने बताया कि बाघ की सुरक्षा के लिए टीम गठित कर ट्रैकिंग भी शुरू कर दी है। सुरक्षा और पुख्ता हो इसके लिए रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाईमाधोपुर के अधिकारियों को भी सूचना भेज दी गई है।
ग्रामीण ने दी थी बाघ के मूवमेंट की सूचना
टी-62 के हालिया मूवमेंट ने बाघ सुरक्षा के तमाम दावों की पोल भी खोल दी है। आलम यह है कि तीन दिन पहले ही यह बाघ रणथंभौर टाइगर रिजर्व छोड़कर बाहर आ गया है, लेकिन वहां के अधिकारियों को इसकी कोई खबर तक नहीं है। वहीं वन विभाग में टाइगर ट्रेकिंग की व्यवस्था ही नहीं है। टी- 62 टाइगर के तलवास के जंगल में होने की सूचना ग्रामीण राजूलाल तेली ने दी है। सूचना पर वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी पहुंचे और पगमार्क तलाशे। उसके तलवास पंचायत के बासी के निकट जंगल में होने की पुष्टि हुई है। यदि ग्रामीणों ने टाइगर ना देखा होता तो किसी को उसका मूवमेंट पता ही नहीं चलता।
Published on:
21 Nov 2017 05:17 pm
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