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कोटा में यहां अनदेखी, बसने से पहले उजड़ रही आवासीय योजनाएं

नदीपार क्षेत्र में नगर विकास न्यास की आवासीय योजनाओं में सुविधाएं नहीं है। इस कारण यहां भूखंड लेने वाले लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

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नदीपार क्षेत्र में नगर विकास न्यास की आवासीय योजनाओं में सुविधाएं नहीं है।

कोटा. सालों से विकास की मुख्य धारा से जुडऩे के लिए लोगों को इंतजार है, लेकिन सरकारी अनदेखी से जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, उससे लोग वंचित हैं। यह हाल है चम्बल पार क्षेत्र का। जहां सीमित क्षेत्र तक ही विकास की रोशनी पहुंची है। हजारों परिवारों के लिए राजीव आवास योजना विकसित की गई। इस कॉलोनी में सामुदायिक भवन, पार्क और अन्य सभी सुविधाएं विकसित की गई हैं, जिन पर करोड़ों खर्च किए गए। करोड़ों खर्च करने के बाद भी नगर विकास न्यास ने इस कॉलोनी की सुध नहीं ली। इस कारण सामुदायिक भवन जर्जर अवस्था में तब्दील हो रहा है। इसमें मवेशियों का बसेरा है। इसके पास बना साइट ऑफिस भी कबाड़ में तब्दील हो रहा है। पार्कों और कई जगह पशुपालकों का कब्जा है, जिसके कारण कॉलोनी में गोबर के ढेर लगे हैं। इसके पास ही मोहनलाल सुखाडिय़ा योजना है जो करीब 11 साल पहले लॉन्च की गई थी, लेकिन यहां न तो पार्कों का विकास हुआ न ही सड़क चौराहे विकसित हो पाए। पेयजल कनेक्शन भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए यहां लोग बसने से भी कतरा रहे हैं। हर भूखंड पर अवैध खनन के घाव जरूर दिखाई देते हैं। इन्हें देखकर भूखंडधारी बसने के बजाय भूखंड बेचकर दूसरी जगह घर बनाने की तैयारी में हैं। वहीं नगर विकास न्यास को भी नीलामी में अच्छी दर नहीं मिल रही है। यहां अपने भूखंड को देखने आए प्रबोध ने कहा, यदि सरकार इस योजना में पार्क, सड़क, चौराहे और पेयजल जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा देते तो हजारों लोग यहां रहने आएंगे। वहीं नगर विकास न्यास को भी भूखंड नीलामी में अच्छी दर मिलेगी। इनमें बड़े इलाके में पुलिस चौकी भी नहीं खोली गई है। इस कारण चोरी के डर से लोग अपने नए घरों में रहने नहीं आ रहे। राजीव आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के सैकड़ों फ्लैट खाली पड़े हैं। अभी नगर निगम चुनाव है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है राजनीतिक दल हर चुनाव में वोट मांगते हैं। उन्हें सरकार बनने पर इस इलाके के बारे में भी सोचना चाहिए। नदीपार क्षेत्र में नगर विकास न्यास की करीब 9 आवासीय योजनाएं अनदेखी की शिकार हैं।

फैक्ट
2500 आवास हैं राजीव आवास योजना में
2374 भूखंड हैं मोहनलाल सुखाडिय़ा में
64 भूखंड हैं प्रसन्ना विहार में
195 भूखंड हैं रामानंदाचार्य योजना में
158 भूखंड हैं महर्षि नवल योजना में
195 भूखंड हैं रामानंद आवासीय योजना में
478 भूखंड रामनगर पुनर्वास में
307 भूखंड करणीनगर योजना में
226 भूखंड हैं रामनगर स्टोन मंडी