
bijli chori
कोटा. बाढ़ ही खेत को खाने लगे तो फि र किस पर भरोसा किया जा सकता है। जिले के इटावा में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां अपराध रोकने के लिए जिम्मेदार पुलिस ही अपराध कर रही है। थाने के पुलिसकर्मी सरकारी क्वॉटर्स में धड़ल्ले से बिजली चोरी करते मिले। मामला 24 अगस्त का है।
बिजली चोरी और मीटर टेम्पर्ड की सूचना पर कोटा से जयपुर डिस्कॉम की विशेष सतर्कता टीम कार्यवाहक एईएन फू लकंवर सैनी की अगुवाई में इटावा थाने पहुंची। यहां थाना परिसर में बनी 11 क्वॉटर्स में बिजली चोरी मिली। किसी क्वॉर्टर में मीटर बाइपास किया हुआ था तो किसी में सर्विस लाइन में कट लगाकर मीटर से पहले ही बिजली ली हुई थी।
सतर्कता टीम ने इन क्वॉटर्स में रह रहे पुलिसकर्मियों के नाम जानने चाहे तो पुलिसकर्मियों ने नाम बताने से इनकार कर दिया। यह सभी कनेक्शन क्वॉर्टर संख्या के नाम पर र्हं, ऐसे में सतर्कता टीम ने वीसीआर भी उनके आधार पर ही तैयार कर दी। वीसीआर तैयार हुई तो क्वॉर्टर में मौजूद कोई भी पुरुष या महिला वीसीआर पर हस्ताक्षर करने को तैयार नही हुई। मजबूरन सतर्कता टीम को वीसीआर की प्रति इन क्वॉर्टर नम्बर के अनुसार ही डाक से इटावा भेजनी पड़ी।
उजागर नहीं होने दिया मामला
आमतौर पर एक आरोपित को पकड़ लाने पर ही अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस ने थाने में पुलिसकर्मियों की ओर से की जा रही चोरी का मामला सार्वजनिक नहीं होने दिया। बिजली चोरी की घटना पर पर्दा डालने के हर संभव उपाय किए गए। उधर विद्युत निगम के अधिकारी भी इस मामले में खामोश है। जबकि जयपुर डिस्कॉम के एमडी आर.जी.गुप्ता ने डिस्कॉम के अभियंताओं को सख्त निर्देश दिए हुए हैं कि बिजली चोरी पकड़े जाने पर की गई कार्रवाई को सार्वजनिक करें ताकि अन्य लोगों को भी ऐसा अपराध नहीं करने की सीख मिले।
बिजली चोरी मिली थी, वीसीआर भर दी है
इटावा थाने में पुलिस क्वॉर्टर में बिजली चोरी मिली थी, कुल 11 क्वॉटर्स में मिली बिजली चोरी के मामले में वीसीआर भर दी गई है। संबंधित उपखण्ड के सहायक अभियंता को भी वीसीआर की कॉपी मेल पर उपलब्ध करा दी गई है।
- फूलकंवर सैनी, कार्यवाहक सहायक अभियंता एटीवीएस तृतीय, कोटा
Published on:
02 Sept 2017 02:46 am
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