नहीं है एक भी चेकपोस्ट प्रमुख सचिव ने पत्र में चेकपोस्ट पर सीसीटीवी लगवाने का निर्देश तो दे दिया, लेकिन स्थिति यह है कि जिले में अभी तक चेकपोस्ट ही स्थापित नहीं किए गए। जिले में एक भी चेकपोस्ट है ही नहीं, ऐसे में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की बात करना ही बेमानी है। पत्र में अवैध खनन व परिवहन में संलिप्त लोगों को चिह्नित करने तथा उनपर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया था और स्पष्ट किया गया था कि चेकपोस्ट पर तैनात कर्मचारियों पर भी नजर रखी जाए। संलिप्तता उजागर होने पर कड़ी कार्रवाई हो और अवैध खनन एवं परिवहन रोकने के लिए सचल दस्ते बनाए जाएं। जिले में ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आ रहा।
…तो बिगड़ जाएंगे हालात! लगभग एक दशक पहले बड़ी गंडक के किनारे स्थित वन्य क्षेत्रों में पाई जाने वाली खैरा की तस्करी धड़ल्ले से हुआ करती थी। इसका परिणाम यह हुआ था कि जिले में माफियाओं की एक जमात तैयार हो गई थी। जिनका सीधा संबंध जंगल पार्टी के दस्युओं व बिहार प्रांत के अपराधियों से जुड़ गया था। नतीजतन जिले में हमेशा कानून-व्यवस्था पर संकट खड़ा होता रहता था। बालू के अवैध खनन एवं परिवहन के कारोबार पर लगाम नहीं लगा, तब तैयार हो रही माफियाओं की नई जमात के कारण खैरा की तस्करी के समय जैसा महौल बनने में देर नहीं लगेगी। ऐसे में हालात बहुत खराब हो जाएंगे।