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किसानों को सोसायटी पर नहीं मिल रही खाद, बिचौलियों से करना पड़ रहा है संपर्क

बारिश होने के बाद धान, मक्के की फसल के लिए बढ़ गई यूरिया की आवश्यकता

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fertilizer on society

Farmers are not getting fertilizer on society

लखीमपुर खीरी. जिला तराई का क्षेत्र है। यहां पर मुख्य रूप से गन्ने की खेती की जाती है। इसी के साथ धान, अरहर व बाजरा अन्य की फसलें भी लगाई जाती हैं। ऐसे में किसानों को सोसायटी पर यूरिया खाद नहीं मिल रही है। कई किमी की दूरी तय करने के बाद किसान समितियों पर आते तो है लेकिन खाद न मिलने की वजह से निराश होकर लौट जाते हैं। यह हाल कमोवेश अधिकांश सहकारी समितियों का है। जिसके चलते किसान बिचौलियों से खाद लेने को मजबूर हो जाते हैं।

बीते 2 दिन में हुई बारिश के बाद जहां अचानक यूरिया खाद की मांग बढ़ जाने के चलते सहकारी सोसाइटी पर किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। वही मांग बढ़ने के साथ ही बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं। जिससे खाद की कालाबाजारी तेजी से होने लगी है। बेबसी के मारे किसान कोरोना के इस दौर में भी किसान को लंबी-लंबी लाइनों में खाद के लिए संघर्ष करते देखा जा सकता है। किसानों की माने तो बारिश होने के बाद धान, मक्के की फसल को यूरिया की आवश्यकता बढ़ गई है, जिसके चलते उन्हें यूरिया लेने के लिए लंबी-लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है।

चार दुकानों के लाइसेंस निरस्त

जिला प्रशासन के अनुसार जिले में यूरिया की कमी ना हो उसके लिए शासन से बात की गई है। इसके साथ साथ कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध छापामार कार्रवाई जारी है। अब तक चार दुकानों के लाइसेंस निरस्त किए गए। साथ ही एक दुकान के खिलाफ कालाबाजारी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस मौके को लोग आपदा में अवसर समझने की भूल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। फिलहाल खाद के लिए एक बार फिर से किसान लंबी-लंबी लाइनों में देखा जा सकता है।


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