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कर्ज से निपटने की तैयारी, पूंजी जुटाने के लिए Brookfield से डील करेगी मुकेश अंबानी की Reliance Industries

ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के साथ डील करेगी रिलायंस इंडस्ट्रीज। जियो टेलिकॉम टावर नेटवर्क के लि होगी दोनों कंपनियों में डील। भारत में अब तक ब्रुकफील्ड की सबसे बड़ी डील होगी।

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Ril gained nearly 60000 cr, TCS increased by 23,500 cr in last week

Ril gained nearly 60000 cr, TCS increased by 23,500 cr in last week

नई दिल्ली। ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट ( Brookfield Asset Management ) और रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries ) के बीच 7-10 दिनों के अंदर जियो टेलिकॉम टावर को लेकर एक टर्म शीट पर साइन होने वाला है। मुकेश अंबानी की RIL यह कदम अपने कर्ज के बोझ से उबरने के लिए उठा रही है। मामले से जुडें लोगों ने बताया कि रिलायंस जियो इन्फ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड ( Reliance Jio Infratek Pvt. Ltd. ) के 1,70,000 टावर्स की कुल कीमत करीब 36,000 करोड़ रुपये है। इसमें से करीब 25,000 करोड़ रुपए इक्विटी के जरिए फंड किया जाएगा।

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देश में सबसे बड़ा टावर नेटवर्क जियो के पास

वर्तमान में जियो का टावर नेटवर्क सबसे बड़ा है। दिसंबर 2018 तक भारती इन्फ्राटेल और इंडस टावर्स के पास कुल 1,63,000 टावर्स थे। जियो ने रिलायंस कम्युनिकेशंस ( Reliance Communications ) से 45,000 टावर्स का अधिग्रहण किया था, वहीं बाकी टावर्स जियो ने खुद बिल्ड किया। इसके साथ ही देश की टेलिकॉम सेक्टर में कुल टावर्स की संख्या करीब 2,60,000 तक पहुंच गया है। दोनों कंपनियों के बीच इस डील की प्रक्रिया टर्म शीट पर साइन करने के बाद शुरू की जाएगी।

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जियो के टावर्से 12-13 फीसदी रिटर्न पाने की तैयारी

ब्रुकफील्ड के अतिरिक्त, रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी अपने व्यक्तिगत क्षमता के अनुसार जियो टावर बिजनेस में निवेश करने वाले हैं। बैंक ऑफ मेरिल लिंच ने अनुमान लगाया है कि जियो द्वारा बनाए गए 1,25,000 टावर्स में से करीब 40,000 टावर्स पूर्ण रूप से जियो के हैं और इनमें किसी अन्य टेनेंट की हिस्सेदारी नहीं है। टावर बिजनेस में जियो प्रमुख किरायेदार है और अनुमान के मुताबिक इन टावर्स से करीब 12-13 फीसदी रिटर्न मिल सकता है।

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26 अरब डॉलर कर्ज चुकाने के लिए इस डील की भी तैयारी

इस हस्ताक्षर के बाद ब्रुकफील्ड की भारत में अब तक की सबसे बड़ी डील होगी। हाल ही में ब्रुकफील्ड ने लीला होटल्स के साथ डील किया था। बता दें कि रिलायंस अपने 7 लाख किलोमीटर के फाइबर नेटवर्क के लिए भी वैश्विक पेंशन फंड SWF और इन्फ्रास्ट्रक्चर फोकस्ड फंड के डील करने की तैयारी में है। इसके लिए आरआईएल ने बीते मार्च माह में ही सिटी, मोलिस और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को जिम्मेदारी सौंपी है। कैपिटल मार्केट कंपनी सीएलएसए के मुताबिक, रिलायंस जियो पर कुल 26 अरब डॉलर का कर्ज है।

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