
आईएलएंडएफएस पर सरकार का कब्जा, उदय कोटक को को मिली कमान
नर्इ दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने भारी वित्तीय संकट से जूझ रही गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेस (आईएलएंडएफएस) के निदेशक मंडल को भंग कर नया बोर्ड नियुक्त करने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करते हुए प्रख्यात बैंकर उदय कोटक को नये बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। वर्ष 2009 में घोटाला के कारण सरकार ने आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सत्यम को अपने कब्जे में लेकर शेयरधारकों के हितों की रक्षा की थी। अब 91 हजार करोड़ रुपये की देनदारियों से चुक कर गयी आईएलएंडएफएस को सरकार ने सत्यम की तरह की निपटाने की योजना के तहत यह कार्रवाई की है।
एनसीएलटी ने मंजूरी
कंपनी मामलों के मंत्रालय ने मुबंई स्थित क्षेत्रीय निदेशक से मिली रिपोर्ट के आधार पर आईएलएंडएफएस ग्रुप और उसकी कंपनियों के कुप्रबंधन को रोकने और जनहित में सरकार ने एनसीएलटी मुंबई में कंपनी कानून की धारा 241 (2) और धारा 242 के तहत कंपनी के वर्तमान बोर्ड को भंग करने और नये बोर्ड को तत्काल नियुक्त करने की अपील की थी, जिस पर एनसीएलटी ने कंपनी के वर्तमान बोर्ड को भंग कर दिया और नये बोर्ड गठित करने को मंजूरी प्रदान कर दी। नये बोर्ड में कंपनी के पुराने बोर्ड का एक भी सदस्य नहीं होगा।
बोर्ड में रखे गए 6 लोग
एनसीएलटी ने सरकार द्वारा सुझाए गए 6 निदेशकों को बोर्ड में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिसमें कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उदय कोटक को आईएलएंडएफएस का गैर कार्यकारी अध्यक्ष और सेबी के पूर्व अध्यक्ष जीएन बाजपेयी, टेक महिंद्रा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं पूर्व नौकरशाह विनीत नय्यर, आईसीआईसीआई बैंक के गैर कार्यकारी अध्यक्ष जीसी चतुर्वेदी, आईएएस अधिकारी मालिनी शंकर तथा पूर्व नौकरशाह नंद किशोर निदेशक बनाए गए हैं। नया बोर्ड औपचारिकता पूर्ण करने के बाद तत्काल कार्यभार संभालेगा। नया बोर्ड निर्धारित समय में कंपनी के निपटाने की योजना तैयार करेगा।
Updated on:
02 Oct 2018 08:42 am
Published on:
01 Oct 2018 07:01 pm
बड़ी खबरें
View Allकॉर्पोरेट वर्ल्ड
कारोबार
ट्रेंडिंग
