
Jio platform earned most sustained funds for 1st time in World
नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) में दुनिया की शायद ही कोई दूसरी कंपनी ऐसा कर पाती, जैसा रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries ) ने किया। दुनिया के सबसे लंबे और सबसे बड़े नुकसान वाले लॉकडाउन वाले देश में रहते हुए मुकेश अंबानी ( Mukesh Ambani ) और उनकी कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स ( Jio Platforms ) ने ऐसा इतिहास रचा है जो दुनिया की कोई बड़ी कंपनी वैश्विक बाजार ( Global Market ) में नहीं कर सकी। दो महीनों में जियो प्लेटफॉर्म्स में लगातार 10 वैश्विक निवेश हुए। जिससे 1.04 लाख करोड़ रुपए अर्जित हुए। यह दुनिया में कहीं भी किसी भी कंपनी द्वारा निरंतर जुटाई गई सबसे बड़ी धनराशि है। इस निवेश से सिर्फ जियो को ही फायदा नहीं हुआ, बल्कि कोरोना वायरस की वजह से रिलायंस के शेयर इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries Share Price ) जो मार्च में 800 रुपए के स्तर पर आ गए थे, वो जून में एक बार फिर से दोगुने हो गए। वहीं रिलायंस ( Ril Market Cap ) एक बार फिर से 10 लाख करोड़ रुपए के मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई। आइए अप्रैल से शुरू हुए इस सिलसिले को एक बार फिर से रिवाइंड करते हैं और जानते हैं आखिर वो कौन से 10 निवेश हैं जिसकी वजह से जियो दुनिया की इकलौती ऐसी कंपनी बन गई है।
इन दस निवेशों से रचा गया है इतिहास
- 22 अप्रैल, फेसबुक ने कंपनी में करीब 9.99 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी और 43,574 करोड़ रुपए का निवेश किया।
- 5 मई, सिल्वर लेक कंपनी ने 1.15 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदते हुए 5,665.75 करोड़ रुपये का निवेश किया।
- 8 मई, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने जियो प्लेटफॉम्र्स के 2.32 फीसदी शेयर खरीदे और 11,367 करोड़ रुप, के निवेश की घोषणा की।
- 17 मई को जियो प्लेटफॉम्र्स में जनरल अटलांटिक ने 1.34 फीसदी हिस्सेदारी को 6,598.38 करोड़ रुपए में खरीदा।
- 22 मई को केकेआर ने कंपनी में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी 11,367 करोड़ रुपये में खरीदी।
- 5 जून, मुबाडाला इन्वेस्टमेंट ने 1.85 फीसदी की हिस्सेदारी 9,093.60 करोड़ रुपए में हासिल की।
5 जून, सिल्वर लेक ने जियो प्लेटफॉम्र्स की 0.93 फीसदी हिस्सेदारी 4,546.80 करोड़ रुपए में खरीदी।
- 8 जून, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने कंपनी में 1.16 फीसदी की हिस्सेदारी 5683.50 करोड़ रुपए में खरीद डाली।
- 13 जून को टीपीजी ने जियो में 4546.80 करोड़ का निवेश कर 0.93 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी।
- 13 जून देर रात एल केटरटन ने 1894 करोड़ का निवेश कर 0.39 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में आई तेजी
जियो प्लेटफॉर्म में इंवेस्टमेंट से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली। मार्च के महीने में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों को काफी नुकसान हुआ। क्रूड ऑयल के दाम नीचे आ जाने से कंपनी के ऑयल कारोबार को काफी नुकसान हो रहा था। 23 मार्च 2020 को कंपनी का शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर 867.82 रुपए पर आ गया। उसके बाद जियो में निवेश की खबरों को हवा मिली और कंपनी के शेयरों में तेजी आने लगी। 22 अप्रैल को जब फेसबुक के साथ जियो की पहली डील हुई तो रिलायंस का शेयर 1351.01 रुपए पर आ चुका था। 6 जून को कंपनी का शेयर 1624 रुपए के साथ 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका था। आखिरी कारोबारी दिन 12 जून को कंपनी का शेयर 1588.80 रुपए पर पहुंच चुका थाा।
10 लाख करोड़ रुपए की कंपनी
वहीं दूसरी ओर इन दो महीनों में जियो प्लेटफॉर्म की वजह से रिलायंस इंडस्ट्रीज बीएसई में मार्केट कैप के लिहाज से दो बार 10 लाख करोड़ रुपए के आंकड़ों को छुआ। शुरूआत 23 मार्च से करें तो कंपनी का मार्केट कैप 5.3 लाख करोड़ रुपए के आसपास आ गया था। लेकिन पहली डील होने के साथ कंपनी के मार्केट कैप में करीब 3 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ और 22 अप्रैल को कंपन का मार्केट कैप 8.56 लाख करोड़ रुपए हो गया। जबकि 8 जून को कंपनी का मार्केट 10.29 लाख करोड़ रुपए के पार गया। बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भी कंपनी का र्माकेठट कैप 10.07 लाख करोड़ रुपए था।
Updated on:
14 Jun 2020 05:21 pm
Published on:
14 Jun 2020 05:18 pm
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