
मुकेश अंबानी ने अमेजन और फ्लिपकार्ट को दिया झटका, रिलायंस रिटेल ने हटाए अपने ब्रैंड
नई दिल्ली।मुकेश अंबानी की रिलायंस रीटेल ने बिजनस-टू-कन्ज्यूमर ( BTC ) मार्केटप्लेस लॉन्च करने से पहले देश की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों Amazon और Flipkart को बड़ा झटका दे दिया है। रिलायंस ने अपने क्लॉथ, शूज और लाइफस्टाइल प्रॉडक्ट्स को दोनों प्लेटफॉर्म से हटाना शुरू कर दिया है। अपको बता इें कि रिलायंस रिटेल के बिजनस-टू-कन्ज्यूमर मार्केटप्ले सफूड से लेकर फैशन तक सबकुछ बेचा जाएगा। वहीं कंपनी के पास दर्जनों ग्लोबल ब्रैंड्स को भारत में बेचने का लाइसेंस है।
बंद हुई थर्ड पार्टी सप्लाई
जानकारों की मानें तो पिछले एक महीने से रिलायंस अपना ऑनलाइन मार्केटप्लेस लॉन्च करने की तैयारी शुरू कर दी है। साल के अंत तक कंपनी अपना मार्केटप्लेस लांच कर देगी। जानकारी के अनुसार रिलायंस ट्रेंड्स और रिलायंस ब्रैंड्स को आने वाले हफ्तों में गैर-रिलायंस मार्केटप्लेस से अपने प्रॉडक्ट्स को हटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया है। रिलायंस ने इन मार्केटप्लेस से नए ऑर्डर लेना बंद कर दिया है। थर्ड पार्टी मार्केटप्लेस के पास जितना स्टॉक बचा है, वे सिर्फ उन्हें बेच पाएंगी। वैसे अभी तक रिलायंस की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।
रिलायंस रिटेल के पास हैं ये कंपनियां
फैशन और लाइफस्टाइल ब्रैंड्स के मामले में रिलांयस ग्लोबल देश की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी के पास 4 दर्जन से ज्यादा इंटरनेशनल ब्रांड के साथ ज्वाइंट वेंचर या फ्रेंचाइजी अग्रीमेंट है। जिनमें डीजल, केट स्पेड, स्टीव मैडन, बरबेरी, कनाली, एंपोरियो अरमानी, फुर्ला, जिम्मी चू, माक्र्स एंड स्पेंसर जैसे इंटरलनेशनल ब्रांड शामिल हैं। इन सभी को ज्यादातर अमेजन , फ्लिपकार्ट , मिंत्रा जैसी ई-कॉमर्स साइट्स पर बेचा जाता है। जानकारों के अनुसार ज्यादातर ग्लोबल ब्रैंड्स के राइट्स रखने वाली रिलायंस को ब्रैंड्स के हेडऑफिस से इसी महीने से थर्ड-पार्टी मार्केटप्लेस को सप्लाई बंद करने को कहा गया है। उन्हें सिर्फ एजियो मार्केटप्लेस और खुद की मोनो-ब्रैंड साइट्स पर ही प्रॉडक्ट बेचने को कहा गया है।
मुकेश अंबानी ने की थी घोषणा
कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने पिछले साल जुलाई में इस योजना से पर्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि कंपनी एक हाइब्रिड ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन वेंचर को शुरूआत करने ज रही है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा था कि रिलायंस जियो इंफोकॉम और रिलायंस रीटेल स्टोर्स के बीच तालमेल के सहारे यह वेंचर आगे बढ़ाया जाएगा। जानकारों के अनुसार सरकार ने हाल में ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के लिए एफडीआई नियमों में बदलाव किया है, जिसकी वजह से रिलायंस को विदेशी निवेश वाली एमजॉन और फ्लिपकार्ट से बढ़त हासिल करने में मदद मिल सकती है।
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Published on:
17 Apr 2019 01:31 pm
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