
मुंबई। कर्ज के बोझ से दबी अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम ने 45,000 करोड़ रुपए के कर्ज पुनर्गठन के लिए बैंको के सामने एक नया प्लान रखा हैं। रिलायंस कम्यूनिकेशंस के इस योजना में 7,000 करोड़ रुपए के कर्ज को बैंकों द्वारा इक्विटी में बदलना शामिल हैं। अभी हाल ही में कंपनी के एयरसेल के साथ विलय को सिरे से खारिज किया जा चुका हैं। यदि रिलायंस कम्यूनिकेशंस का यह प्लान सफल हो जाता हैं तो एसबीआई की अगुवाई वाले बैंको को इससे कंपनी मेंं 51 फीसदी का हिस्सेदारी मिल जाएगा। वहीं प्रर्वतकों की हिस्सेदारी घटकर लगभग आधी हो जाएगी।
ऐसे जुटाएगी पैसे
कंपनी के मुताबिक, आरकॉम इससे 17,000 करोड़ रुपए के कर्ज भुगतान के लिए एसेट्स की बिक्री के जरिए कुल 30,000 करोड़ रुपए के रकम जुटा सकेगी। कंपनी को 10,000 करोड़ रुपए के रियल एस्टेट की बिक्री वा कॉर्मशियल डेवलपमेंट के जरिए जुटाए जाने हैं। जिसमें नवीं मुंबई के पास धीरूभाई अंबानी नॉलेज सेंटर शामिल है जो करीब 100 एकड़ में फैला हैं। वहीं इसके साथ कंपनी 14,000 एकड़ में फैली 122 मेगाहार्ट्ज स्पेक्ट्रम की भी बोली के लिए पेश करेगी। कंपनी अपने टावर कारोबार से 7,000 करोड़ रुपए, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से 3,000 करोड़ रुपए और डेटा सेंटरों से 4,000 करोड़ रुपए जुटाएगी।
कर्ज चुकाने के लिए दिसंबर 2018 तक का है समय
आपको बता दें की कंपनी के पास अपने कर्ज चुकाने के लिए दिसंबर 2018 तक का समय है। कंपनी को भरोसा है कि एसेट्स के जरिए धन जुटाने में का काम मार्च 2018 तक कर पूरा कर लेगी। कर्जदाताओं को नई मौद्रकरण योजना को पूरा करने के लिए एसबीआई कैप को नियुक्त कया हैं। पिछले दिन करोबार के बंद होने के भाव के हिसाब से कंपनी का पंजीकरण 3900 करोड़ रुपए है। कंपनी को भरोसा है कि, नई पुनर्गठन प्रक्रिया के शुरू होने के बाद उद्यम मूल्य बढऩे की उम्मीद की जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ कंपनी 2जी और 3जी वॉइस कारोबार में अपनी उपस्थिति को पहले से काफी कम कर रही हैं। हाल ही में खबर आई थी कि, आरकॉम ने अपने 1500 से 2000 कर्मचारियों को दूसरी जगह नौकरी तलाशने को बोला हैं।
Updated on:
31 Oct 2017 01:55 pm
Published on:
31 Oct 2017 01:52 pm
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