
नई दिल्ली। निवेशकों के पैसे न लौटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने जेपी ग्रुप को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि जल्द से जल्द निवेशकों के पैसे लौटाएं वरना तिहाड़ जेल दूर नही है। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी असोसिएट लिमिटेड के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत कार्रवाई शुरू करने की इजाजत देने से पहले पूछा है कि कंपनी बताए कि देशभर में उनके कितने प्रॉजेक्ट चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी को इसके लिए एक एफिडेविट फाइल करके यह बताने को कहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके कितने हाउसिंग प्रॉजेक्ट चल रहे हैं और इस वक्त उनकी मौजूदा स्थिति क्या है।
125 करोड़ जमा कराएं जेपी ग्रुप
सुप्रीम कोर्ट ने जेपी ग्रुप को निर्देश दिया कि वो जल्द से जल्द निवेशकों के 125 करोड़ जमा कराएं। आपको बता दें कि जेपी ग्रुप को 125 करोड़ रुपए 25 जनवरी तक जमा करने हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जेपी अगर जल्द से जल्द पैसा नहीं लौटाती है तो इसे कोर्ट की अवहेलना माना जाएगा।
5 फरवरी को अगली सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई अब 5 फरवरी को की जाएगी। जेपी के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। इससे पहले खबर आई थी कि जेपी कर्ज चुकाने के लिए अपने पांच होटल और रिजॉर्ट्स बेच सकता है। उस बिक्री से जेपी को 2,500 करोड़ मिलने की उम्मीद थी।
सहारा का उदाहरण याद रखें कंपनी
निवेशकों की सुरक्षा और उनके पैसे न डूबे इसके लिए बीते कुछ सालों में बाजार नियामक सेबी, भारतीय रिजर्व बैंक और सुप्रीम काफी सतर्क रहा है। सहारा ग्रुप इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आपको बता दें कि सुब्रत राय सहारा पर करीब 36000 करोड़ की देनदारी है जिसमें से वो 12000 करोड़ रुपए अदा कर चुकी है। लेकिन इसके लिए सहारा के मुखिया सुब्रत राय सहारा को लंबा समय जेल में काटना पड़ चुका है और मामला अभी चल रहा है।
Published on:
10 Jan 2018 01:58 pm
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