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टाटा संस के चैयरमैन ने कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने का बताया तरीका

चंद्रशेखरन ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश को ज्यादा से ज्यादा लाइसेंस की जरुरत है, ताकि ज्यादा से वैक्सीन का प्रोडक्शन हो सके। देश को युद्घस्तर पर वैक्सीन प्रोडक्शन करने की जरुरत है।

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Saurabh Sharma

Apr 20, 2021

Tata Sons chairman explain how to deal with second wave of Covid-19

Tata Sons chairman explain how to deal with second wave of Covid-19

नई दिल्ली। कोविड 19 की दूसरी लहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से उद्योग जगत दिग्गजों को फिर से देश की बिगड़ती हालत को लेकर चिंता सताने लगी है। इस बार टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्र शेखरन की ओर से बयान आया है। उन्होंने कहा है कि देश को अलग-अलग कोविड वैक्सीन का लाइसेंस लेने की जरुरत है। साथ ही भारत को जरुरत के हिसाब से ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन का प्रोडक्शन करने की जरुरत है।

उन्होंने भारत की मौजूदा स्थिति को चिंताजनक और भयावह भी बताया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देया में कोविड 19 की ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन की स्पीड और वैक्सीन स्पलाई पर पैनी नजर रखने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि कोविड से बचने का नेशनल लेवल पर लॉकडाउन लगाना समाधान नहीं हो सकता है। इससे देश की इकोनॉमी और सोसायटी के कमजोर पर लोगों को बुरा प्रभाव पड़ेगा।

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ज्यादा लाइसेंस लेने की जरूरत
चंद्रशेखरन ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश को ज्यादा से ज्यादा लाइसेंस की जरुरत है, ताकि ज्यादा से वैक्सीन का प्रोडक्शन हो सके। जब उनसे सवाल किया गया कि अगर उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाती तो वो कैसे इससे निपटने का प्रयास करते तो उन्होंने इस सवाल को काफी मुश्किल बताया और कहा कि देश को युद्घस्तर पर वैक्सीन प्रोडक्शन करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि प्रोडक्शन लेवल बढ़ाने के लिए थोड़े से समय में ज्यादा निवेश करने की जरूरत है।

कैसे बढ़ा सकते हैं प्रोडक्शन
उन्होंने आगे कहा कि देश को इस बात पर जोर देना होगा कि अपनी जरुरत को पूरा करने के लिए वैक्सीन का प्रोडक्शन कैसे तेज कर सकते हैं। मौजूदा स्थिति काफी गंभीर है और ऐसा जल्द से जल्द करने की जरुरत है। 13 अप्रैल को सरकार ने विदेशी वैक्सीनों के इमरजेंसी यूज को मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज कर दी थी। देश में अब तक 3 वैक्सीनों के एमरजेंसी यूज को मंजूरी दी जा चुकी है। भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड को पहले ही वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अब रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी को भी मंजूरी दी जा चुकी है।