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सूर्य देव को अर्घ्य देते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, जीवन में बढ़ सकती हैं समस्याएं

ग्रहों के राजा सूर्य को आत्मविश्वास, ऊर्जा और बल कारक माना गया है। वहीं हिंदू धर्म सूर्य देव को अर्घ्य देने का एक विशेष महत्व बताया गया है।

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सूर्य देव को अर्घ्य देते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, जीवन में बढ़ सकती हैं समस्याएं

सूर्य देव को इस सृष्टि की ऊर्जा और प्रकाश का कारक माना जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य प्रबल होता है उसे हर क्षेत्र में मान-सम्मान, सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव को सुबह-सुबह जल चढ़ाने का भी एक खास महत्व होता है। माना जाता है कि विधि-विधान से सूर्य की पूजा करने और अर्घ्य देने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव को अर्घ्य देते समय कुछ बातों का ध्यान रखने की भी आवश्यकता होती है अन्यथा जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं सूर्य को अर्घ्य देते समय कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिएं...

सूर्य को अर्घ्य देते समय ना करें ये गलतियां–

1. सूर्य के उदय होने की दिशा पूर्व होती है। इसलिए ध्यान रखें कि जब भी सूर्य देव को जल चढ़ाएं आपका मुख पूर्व दिशा की ओर ही होना चाहिए।

2. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए कभी भी स्टील, कांच और प्लास्टिक आदि के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके कार्य के लिए तांबे के पात्र का उपयोग करना ही उचित माना गया है।

3. साथ ही केवल जल अर्पण नहीं करना चाहिए। आप तांबे के लोटे को जल से भरकर उसमें कुमकुम, अक्षत और लाल रंग के फूल भी डाल लें।

4. ध्यान रखें कि कभी भी एक हाथ से लोटा पकड़कर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। सूर्य देव को अर्घ्य देने का सही तरीका है कि आपको तांबे के लोटे को दोनों हाथों से पकड़कर अपने सिर के ऊपर से हाथों को करके जल देना चाहिए।

5. अक्सर लोग जो बहुत बड़ी गलती करते हैं वह यह है कि सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान जल के छींटे उनके पैरों पर पड़ रहे होते हैं जो कि बिल्कुल गलत है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा होने पर आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है। इसका उपाय यह है कि आप सूर्य देव को अर्घ्य देते समय किसी गमले या पौधे के आगे खड़े हो जाएं ताकि पानी इधर-उधर पैरों में ना पड़े।

6. इस बात का ख्याल रखें कि जल चढ़ाते समय आपको सूरज की किरणें उस पानी की धार में दिखनी चाहिएं। साथ ही जल अर्पण के दौरान सूर्य मंत्र का जाप करना भी शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इससे सभी नव ग्रहों को मजबूती मिलती है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

सूर्य जल अर्पण मंत्र-

1. ऊँ सूर्याय नम:
2. ऊँ खगाय नम:
3. ऊँ भास्कराय नम:
4. ऊँ रवये नम:

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