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Fatty Acids for weight loss: अपनी सेहत और बढ़ते वजन को लेकर आज हम में से कई इतने जागरूक हैं कि डाइट चार्ट हमारे जीवन का प्रमुख हिस्सा बन गया हैं। इसी के चलते हम विभिन्न खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स, जो हमें फिट और स्वस्थ रखने के लिए अनिवार्य हैं, को अपने फ़ूड मैं शामिल करते हैं। फैटी एसिड उन्ही सप्प्लिमेंट्स में से एक हैं। हालांकि फैटी एसिड्स का नाम सुनते ही हेल्थ कॉन्शियस लोगों के बीच आतंक फैल जाता है, परन्तु एक्सपर्ट्स का मानना है कि फैटी एसिड्स न सिर्फ़ शरीर के लिए पोषक तत्वों की पूर्ति करता है बल्कि वजन कम करने में सहायक हो सकते है।
अनसेट्यूरेटेड फैटी एसिड्स
सेट्यूरेटेड फैट की तुलना में इसमें कम कैलोरी होती है। ये शरीर को आवश्यक पोषक तत्व देते है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करते हैं। अनसेट्यूरेटेड फैटी एसिड्स के दो प्रकार हैं: मोनो अनसेट्यूरेटेड फैटी एसिड (MUFA) और पॉलीअनसेट्यूरेटेड फैटी एसिड (PUFA)
मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA)
काजू, सनफ्लावर ऑयल, कैनोला ऑयल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल, बादाम का तेल ऑलिव ऑयल, अवोकेडो आयल, ओटमील और डेयरी प्रोडक्ट्स में मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है। ये सभी MUFA के स्रोत हैं। मोनोअनसैचुरेटेड फैट वाले फ़ूड, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) को कम करने मैं मदद करते हैं। इसीलिए ओलिव आयल में बना खाना हेल्दी होता है।
पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA)
पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा-3 (एन-3) फैटी एसिड और ओमेगा-6 (एन-6) फैटी एसिड में विभाजित किया जाता। हांलांकि ओमेगा-6 (एन-6) फैटी एसिड सेहत के लिया अच्छा-बुरा दोनों हो सकता है, लेकिन ओमेगा-3 (एन-3) फैटी एसिड सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।
ओमेगा-3 या एन-3 फैटी एसिड
ओमेगा 3 वह ज़रूरी फैटी एसिड होते हैं जिन्हें भोजन के माध्यम से लेने की आवश्यकता होती है। मछलियों की तरह हम इंसानो को भी ओमेगा 3 फैटी एसिड से बहुत फायदा होता है, बशर्ते इसे उचित मात्रा में और डॉक्टर से परामर्श के बाद लिया जाए। । यह बुरी वसा-यानी बैड फैट को हटाने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के अलावा, मस्तिष्क, नर्वस सिस्टम वह हृदय के रोग और गठिया (अर्थराइटिस) को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह डिप्रेशन, ड्राई स्किन प्रोब्लेम्स, मूड स्विंग्स से लड़ने में और याददाश्त तेज करने में मददगार हैं। ओमेगा-3 सोयाबीन, टोफू, राजमा, जैतून का तेल में पाया जाता हैं।
एक्सपेंटाइनोस एसिड (EPA)
अगर उचित मात्रा में लिया जाए तो एक्सपेंटाइनोस एसिड, त्वचा रोग और अस्थमा से बचने में मदद करता है। वेजीटेरियनस को डॉक्टर की सलाह से सपलिमेंट्स लेने चाहिए।
अल्फा लिनोलेनिक एसिड (ALA)
अल्फा लिनोलेनिक एसिड मुख्य रूप से अलसी के बीज के साथ-साथ कनोला, अखरोट के तेल में पाया जाता है।
Published on:
31 Jan 2023 01:59 pm
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