12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूपी विधान परिषद : जनवरी में खत्म हो रहा है इन 12 नेताओं का कार्यकाल

- समाजवादी पार्टी के पांच, भारतीय जनता पार्टी के चार और बसपा के दो सदस्यों का खत्म हो रहा है कार्यकाल- डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का भी कार्यकाल 30 जनवरी को होगा पूरा

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Hariom Dwivedi

Dec 17, 2020

photo_2020-12-17_17-30-15.jpg

Uttar Pradesh Legislative Council

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. 30 जनवरी 2021 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। जिन 12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का नाम भी शामिल है। विधान परिषद की सीटें खाली होने से पहले उन्हें भरना जरूरी है। ऐसे में रिक्त हो रहीं 12 सीटों पर जल्द ही चुनाव हो सकते हैं। इस बाबत निर्वाचन आयोग ने प्रमुख सचिव विधानसभा को रिटर्निंग अफसर और सहायक की नियुक्ति के लिए पत्र लिखा है।

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की जो 12 सीटें खाली हो रही हैं, उनमें पांच समाजवादी पार्टी की, चार भारतीय जनता पार्टी और दो बहुजन समाज पार्टी की हैं। इसके अलावा नसीमुद्दीन सिद्दीकी की भी सीट रिक्त है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा से उच्च सदन गये थे, लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बाद दल-बदल कानून के तहत उनकी विधान परिषद सदस्यता निरस्त कर दी गई थी।

30 जनवरी को इनका खत्म हो रहा कार्यकाल
1. स्वतंत्र देव सिंह- भारतीय जनता पार्टी
2. साहब सिंह सैनी- समाजवादी पार्टी
3. डॉ. दिनेश शर्मा- भारतीय जनता पार्टी
4. लक्ष्मण प्रसाद आचार्य- भारतीय जनता पार्टी
5. अहमद हसन- समाजवादी पार्टी
6. आशु मलिक- समाजवादी पार्टी
7. रमेश यादव- समाजवादी पार्टी
8. राम जतन- समाजवादी पार्टी
9. वीरेंद्र सिंह- समाजवादी पार्टी
10. धर्मवीर सिंह अशोक- बहुजन समाज पार्टी
11. प्रदीप कुमार जाटव- बहुजन समाज पार्टी
12. नसीमुद्दीन सिद्दीकी- (दलबदल कानून के तहत सदस्यता छीन ली गई थी)

यूपी विधान परिषद में 100 सीटें
विधान परिषद सदस्य का दर्जा विधायक के ही समकक्ष होता है। वर्तमान में यूपी विधान परिषद में 100 सीटे हैं। विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए। प्रदेश में 403 विधानसभा सदस्य हैं। ऐसे में यूपी विधान परिषद में 134 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य होना जरूरी है।

यह भी पढ़ें : 25 दिसंबर के बाद छिन जाएंगे ग्राम प्रधानों के सभी अधिकार, इन्हें मिलेगी जिम्मेदारी