
यूपी में दो बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा: डिप्टी CM के घर पहुंचा नकली प्रतिनिधि गिरफ्तार, गोरखपुर में IAS बनकर 5 करोड़ की ठगी करने वाला हाई-प्रोफाइल ठग बेनकाब (फोटो सोर्स : Police Media Cell )
Massive Fraud Scandals Shake UP: उत्तर प्रदेश में गुरुवार का दिन कानून-व्यवस्था के लिए बेहद अहम साबित हुआ। राजधानी लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक पुलिस ने दो गंभीर धोखाधड़ी के मामलों का पर्दाफाश किया। एक तरफ जहां लखनऊ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास पर एक युवक दिल्ली BJP अध्यक्ष का प्रतिनिधि बनकर घुसने की कोशिश में गिरफ्तार हुआ, वहीं दूसरी ओर गोरखपुर में पुलिस ने एक ऐसे हाई-प्रोफाइल फर्जी IAS अधिकारी को पकड़ा, जिसने पिछले तीन सालों में करोड़ों की ठगी, सरकारी अफसरों जैसे प्रोटोकॉल का दुरुपयोग, और महिलाओं को गुमराह करने का खतरनाक नेटवर्क फैला रखा था।
लखनऊ: डिप्टी सीएम के आवास पर फर्जी प्रतिनिधि गिरफ्तार दिल्ली BJP अध्यक्ष का प्रतिनिधि बनकर जाने की कोशिश गुरुवार सुबह उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के 5, कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर सुरक्षाकर्मियों ने एक संदिग्ध युवक को प्रवेश से पहले ही रोक लिया। युवक ने खुद को दिल्ली BJP के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का प्रतिनिधि बताया और महत्वपूर्ण संदेश देने की बात कहकर अंदर जाने का प्रयास किया। सुरक्षाकर्मियों को उसकी गतिविधियों और बातचीत में संदेह हुआ। उसकी पहचान और नियुक्ति से जुड़े दस्तावेज़ मांगे गए, लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। तुरंत सतर्कता बरतते हुए पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी पहले भी नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ और लखनऊ में ठगी का नेटवर्क चलाता रहा है। वह प्रभावशाली नेताओं और अधिकारियों का प्रतिनिधि बनकर दुकानदारों, छोटे व्यापारियों और जरूरतमंद लोगों को अपने जाल में फंसाता था। पुलिस को शक है कि दशरथ कई महीनों से लोगों से सिफारिश, नौकरी या सरकारी मदद दिलाने के नाम पर रकम वसूल रहा होगा।
सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले उप मुख्यमंत्री को सूचना मिली थी कि कोई संदिग्ध व्यक्ति उनके नाम और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का सहारा लेकर सरकारी सिस्टम में घुसपैठ कर रहा है। इसके बाद उन्होंने सुरक्षा टीम को अलर्ट रहने और ऐसे किसी भी व्यक्ति की सख्त जांच करने का निर्देश दिया था। इसी सतर्कता के चलते सुरक्षा कर्मियों ने आज आरोपी की पहचान कर ली।
सूचना अधिकारी रतन सिंह ने बताया कि आरोपी को पकड़कर थाना गौतमपल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। डिप्टी मुख्यमंत्री के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि सरकार और संगठन की छवि को नुकसान पहुंचाने, जनता को भ्रमित करने और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे तत्व किसी भी हाल में बख्शे नहीं जाएंगे।
गोरखपुर: IAS बनकर करोड़ों की ठगी, चार गर्लफ्रेंड-तीन प्रेग्नेंट, पुलिस ने पकड़ा हाई-प्रोफाइल नेटवर्क
गोरखपुर पुलिस ने एक ऐसे हाई-प्रोफाइल फ्रॉड का पर्दाफाश किया है, जिसकी कहानी किसी वेब सीरीज से कम नहीं है। आरोपी ने तीन वर्षों तक IAS अधिकारी बनकर करोड़ों की ठगी, VIP प्रोटोकॉल का दुरुपयोग, और शादी एवं गर्लफ्रेंड्स के नाम पर महिलाओं को धोखा दिया। IAS का रौब दिखाने के लिए हर महीने 5 लाख खर्च करता था। आरोपी की पहचान गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर निवासी-उत्तर प्रदेश के रूप में हुई।
गौरव ने खुद को “IAS अधिकारी, विशेष सचिव” बताकर एक पूरी फर्जी दुनिया खड़ी कर रखी थी। वह लाल-नीली बत्ती लगी सफेद इनोवा कार, पायलट गाड़ियों और 10–15 लोगों की नकली टीम के साथ घूमता था। पुलिस के अनुसार, वह अपनी “IAS छवि” बनाए रखने के लिए हर महीने लगभग 5 लाख रुपये प्रोटोकॉल पर खर्च करता था। यह रकम वह ठगी से जुटाता था।
सबसे चौंकाने वाली घटना तब हुई जब बिहार के भागलपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उसकी मुलाकात एक असली SDM से हो गई।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके दो मोबाइल कब्जे में लिए। जांच में यह खुलासा हुआ ,उसकी 4 गर्लफ्रेंड थीं, जिनमें 3 गर्लफ्रेंड प्रेग्नेंट थीं, सभी महिलाएं उसे असली IAS अधिकारी समझकर रिश्ते में आई थीं। इनमें से एक लड़की से उसने शादी भी कर रखी थी। उसकी लाइफस्टाइल देखकर कोई भी आसानी से धोखा खा जाता था।
गौरव बिल्डर्स, व्यापारियों और ठेकेदारों को सरकारी विभागों से टेंडर दिलाने का झांसा देता था। वह AI-generated फर्जी टेंडर दस्तावेज बनाकर उन्हें दिखाता था ताकि धोखा और विश्वसनीय लगे। पुलिस के अनुसार, एक कारोबारी को 450 करोड़ रुपये के सरकारी टेंडर का लालच दिया। इसके बदले 5 करोड़ रुपये और 2 इनोवा कार ठग लीं इसके साथ उसका साला अभिषेक कुमार और गोरखपुर का परमानंद गुप्ता भी गिरोह में शामिल थे।
पुलिस जांच में सामने आया कि गौरव का हाई-प्रोफाइल नेटवर्क यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड तक फैला हुआ था। वह बड़े ठेकेदारों, व्यवसायियों और राजनेताओं के संपर्क में आने की कोशिश करता और अपनी बनावटी हैसियत का उपयोग कर करोड़ों ऐंठ लेता। VIP स्टाइल, सरकारी रौब और चमक-दमक से लोग फंस जाते थे। आरोपी हर जगह ऐसे पहुँचता था जैसे वह किसी बड़े प्रशासनिक निरीक्षण पर आया हो काफिला,पायलट वाहन
यह सब देखकर लोगों को धोखा खाने में देर नहीं लगती थी। पुलिस के अलावा, मुसीबत में सबके दरवाजे बंद मिलते हैं, यह कथन पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने कहा कि जब मुसीबत आती है तो पुलिस के अलावा किसी के दरवाज़े खुले नहीं मिलते। यानि अपराध के बावजूद उसे कहीं न कहीं यह एहसास था कि कानून अंत में सभी को पकड़ता है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी के पूरे गिरोह को तलाशने के लिए जांच तेज कर दी है।
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Published on:
12 Dec 2025 01:45 pm
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