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यूपी: सीएए विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा नहीं रहे मुस्लिम नाबालिग को 11 महीने बाद मिली रिहाई

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज के रहने वाले एक 15 वर्षीय हुसैन (बदला हुआ नाम) को 11 महीनों तक बिना किसी जुर्म के जेल में रखा गया। 11 महीनों बाद जब उसका दोष साबित न हो सका, तो उसे रिहाई मिली है।

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यूपी: सीएए विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा नहीं रहे मुस्लिम नाबालिग को 11 महीने बाद मिली रिहाई

यूपी: सीएए विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा नहीं रहे मुस्लिम नाबालिग को 11 महीने बाद मिली रिहाई

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज के रहने वाले एक 15 वर्षीय हुसैन (बदला हुआ नाम) को 11 महीनों तक बिना किसी जुर्म के जेल में रखा गया। 11 महीनों बाद जब उसका दोष साबित न हो सका, तो उसे रिहाई मिली है। दरअसल, हुसैन को सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में 25 दिसंबर 2019 को उनके दोस्त के घर से गिरफ़्तार किया गया था। हुसैन का कहना है कि उन्होंने सीएए विरोधी किसी भी प्रदर्शन में कभी हिस्सा नहीं लिया था। हुसैन ने लगभग 11 महीने बाद छह नवंबर को घर का पका हुआ खाना खाया। वह बीते छह नवंबर को जेल से रिहा होकर घर लौटा है।

आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा के तहत मुकदमा दर्ज

जेल से रिहाई के बाद हुसैन ने कहा कि उसे गलत आरोप में लॉकअप में डाला गया था। उसने कहा कि वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। उसके पिता प्लंबर हैं और मुश्किल से उसकी फीस दे पाते हैं। जब वह जेल में था उसे उसके माता पिता को फोन करने की इजाजत नहीं थी। आरोप है कि पुलिस ने हुसैन पर 14 गंभीर धाराएं लगाई थीं। ठाकुरगंज पुलिस थाने में दर्ज की गई एफआईआर में हुसैन के ख़िलाफ़ दंगा करने से लेकर स्वेच्छा से लोक सेवक को चोट पहुंचाना और आपराधिक साज़िश रचने जैसे अपारध के तहत धाराएं लगाईं गईं थी। उस पर आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत भी मामला दर्ज किया गया।

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