लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के दौरान सिद्धदोष व विचाराधीन बंदियों की रिहा करना शुरू हो गया है। जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों के चलते कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बढ़ते खतरे को देखते हुए यूपी सरकार द्वारा यह निर्णय किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अब तक सूबे की जेलों से 1660 सिद्धदोष बंदियों को पैरोल पर तथा 8463 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है। वर्तमान में सूबे की 71 जेलों में एक लाख से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। कारागार मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार कोर्ट के आदेश के क्रम में बंदियों की रिहाई सुनिश्चित कराई जा रही है। अंतरिम जमानत पर अब तक सबसे अधिक 704 विचाराधीन बंदियों को जिला जेल गाजियाबाद से रिहा किया गया है।
इसके अलावा जिला जेल मेरठ से 300, गौतमबुद्धनगर से 397, बंलेदशहर से 233, सहारनपुर से 251, मुजफ्फरनगर से 272, फतेहगढ़ से 117, कानपुर नगर से 204, झांसी से 124, मथुरा से 217, फीरोजाबाद से 117, अलीगढ़ से 445, बरेली से 273, जिला कारागार मुरादाबाद से 308 व लखनऊ से 398 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया है।
ऐसे ही अन्य जेलों से भी अंतरिम जमानत पर बंदियों की रिहाई की गई है। इसी प्रकार जिला कारागार गाजियाबाद से पैरोल पर 38, गौतमबुद्धनगर से 52, झांसी से 51, फीरोजाबाद से 35, बरेली से 66, लखीमपुर खीरी से 51 व लखनऊ से 39 समेत अन्य जेलों से कुल 1660 सिद्धदोष बंदियों की रिहा किया गया है।
Published on:
27 May 2021 12:15 pm