21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP: 57 हजार 792 वक्फ संपत्तियों पर मंडराया खतरा? संशोधन के बाद जिलाधिकारी करेंगे तय

UP Waqf Board News: वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद यूपी की 57,792 वक्फ संपत्तियों पर खतरा मंडरा रहा है। अब जिलाधिकारी निर्णय लेंगे, जिससे विवादित वक्फ संपत्तियों की समीक्षा और सरकारी जमीन की वापसी संभव होगी।

2 min read
Google source verification
UP

UP Waqf Amendment Bill Passed: लोकसभा में बुधवार देर रात चर्चा के बाद वक्फ संशोधन बिल पास हो गया। बिल को लेकर वाराणसी, मथुरा, आगरा, कानपुर सहित पूरे यूपी में आज दूसरे दिन भी हाई अलर्ट है। इन जिलों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया साथ ही ड्रोन से निगरानी की जा रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां है जिन पर विवाद चल रहा है। ऐसे में संशोधन बिल पास होने के बाद प्रदेश की 57 हजार 792 वक्फ संपत्तियों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।

UP: वक्फ के नाम पर हुआ बड़ा खेल

उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड 57 हजार 792 सरकारी संपत्तियों पर अपना दावा करता है लेकिन इतनी वक्फ संपत्तियां अभी तक राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं। वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद अब वक्फ बोर्ड नहीं, बल्कि संबंधित जिलाधिकारी निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे। दरअसल, उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों के नाम पर बड़ा खेल हुआ है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार , सार्वजनिक उपयोग की जमीनें भी वक्फ बोर्डों ने अपने यहां वक्फ के रूप में दर्ज कर ली हैं। अब इन विवादों की सुनवाई जिलाधिकारी करेंगे।

यह भी पढ़ें: इमरान मसूद ने बताया वक्फ बिल में बड़ा झोल, बस 6 महीने की मोहलत, कैसे होगा मुस्लिम समाज का ये काम ? समझें नया वक्फ बिल

सरकार वापस लेगी जमीन

संशोधित कानून लागू होते ही ये संपत्तियां एक झटके में वक्फ के दायरे से बाहर हो जाएंगी। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मौजूद शत्रु संपत्तियों को भी वक्फ के रूप में दर्ज कर लिया गया था, जिन्हें नियमानुसार सुनवाई की प्रक्रिया पूरी करने के बाद वापस लेना अब आसान होगा। शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में 1,32,140 संपत्तियां बतौर वक्फ दर्ज हैं, लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट में भी स्वीकार किया गया है कि इनमें से महज 2,528 संपत्तियां ही राजस्व रिकॉर्ड में वक्फ के रूप में दर्ज हैं।