जानें क्या हुआ मुलाकात में हाल ही सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से एबीवीपी के पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें उन्होंने डिप्टी सीएम से कहा कि इस नियम को गुजरात सरकार ने अपने यहां प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था में लागू कर दिया है।इसी तरह यूपी में यस सर, प्रेजेंट सर की जगह जय भारत या जय हिंद बोलने का नियम लागू हो।एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश दिवेदी का कहना है कि एक छात्र 12वीं तक की पढ़ाई में एक लाख बार यस सर, प्रेजेंट सर बोलता है. अगर वह जय भारत या जय हिंद बोलेगा तो राष्ट्रवाद की भावना जागृत होगी।
इस पर समाजवादी छात्रसभा की नेता पूजा शुक्ला का कहना है कि किसी भी छात्र को भारत माता की जय या जय हिंद, जय भारत बोलने से परहेज नहीं लेकिन एबीवीपी वाले छात्राओं की इज्जत नहीं करते। वह भारत माता की जय के नारे लगाते हैं लेकिन मां-बहनों की इज्जत नहीं करते हैं। उनसे अपील है कि छात्रों को राष्ट्रवाद के नाम पर गुमराह ने करें। वहीं अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल कहते हैं कि इस तरह बाध्यकारी रूप से नियम बनाकर लागू करने से इतने बड़े शब्दों की महत्ता भी कम हो सकती है। उधर एबीवीपी की इस मांग को लेकर छात्रों और शिक्षकों में चर्चा शुरू हो गई है। बहुत से छात्रों और शिक्षकों का मानना है कि जय भारत या जय हिंद बोलने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए।