scriptबसपा का यह नेता सपा में होगा शामिल, अखिलेश यादव का दांव, संगठन में भी बड़े उलटफेर को लेकर लिया फैसला | Akhilesh Yadav decision for Samajwadi Party Sangathan Mayawati BJP | Patrika News

बसपा का यह नेता सपा में होगा शामिल, अखिलेश यादव का दांव, संगठन में भी बड़े उलटफेर को लेकर लिया फैसला

locationलखनऊPublished: Aug 26, 2019 12:48:56 pm

– समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का बड़ा दांव
– अखिलेश यादव करेंगे सपा संगठन (SP Sangathan) की ओवरहालिंग, युवाओं को देंगे मौका
– सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering) के साथ मायावती (Mayawati) के वोटबैंक पर भी अखिलेश यादव की नजर

बसपा का यह नेता सपा में होगा शामिल, अखिलेश यादव का दांव, संगठन में भी बड़े उलटफेर की तैयारी

बसपा का यह नेता सपा में होगा शामिल, अखिलेश यादव का दांव, संगठन में भी बड़े उलटफेर की तैयारी

लखनऊ. लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अपनी खोई हुई जमीन को तलाशने के लिये नए सिरे से तैयारी कर रही है। सपा (Sapa) में युवा कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के साथ ही अखिलेश यादव अब सोशल इंजीनियरिंग को भी मजबूती देने की रणनीति बनाने में जुट गये हैं। इसी को लेकर अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी कार्यालय में प्रमुख नेताओं के साथ इस बारे में मंथन किया। वहीं बसपा नेता घूरा राम के भी आज समाजवादी पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही किसान सभा के कई पदाधिकारी भी आज सपा में शामिल हो सकते हैं।


सपा संगठन की ओवरहालिंग पर फोकस

पिछले लोकसभा (Loksabha Election) और विधानसभा (Vidhansabha Election) चुनावों में कांग्रेस (Congress) और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) से गठबंधन (Alliance) का प्रयोग फेल होने के बाद अब राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का समाजवादी पार्टी संगठन (Samajwadi Party Sangathan) की ओवरहालिंग पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक सपा को अपना खोया हुआ वोट बैंक पाने के लिए कई मोर्चो पर तगड़ी लड़ाई का सामना करना होगा। यादव कुनबे की कलह भी लोकसभा चुनाव में सपा (Sapa) को ले डूबी। इसके अलावा बसपा और रालोद से चुनावी गठबंधन के बाद भी सारे जातीय समीकरण फेल हो गए। सपा के एक पूर्व विधायक ने कहा कि चुनाव में अच्छे नतीजे नहीं मिलने से ज्यादा नुकसानदायक बसपा प्रमुख मायावती की रणनीति को नहीं समझ पाना रहा। बसपा गठबंधन कर सपा को छोटा दिखाने में कामयाब हो गई। इसका नुकसान आने वाले विधानसभा की 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर तो पड़ेगा ही, साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।


भाजपा के साथ बसपा से भी मुकाबला

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party National President Akhilesh Yadav) द्वारा विधानसभा क्षेत्र स्तर तक कमेटियां भंग करने के अलावा फ्रंटल संगठनों को नए सिरे से तैयार करने का फैसला लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अब भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के अलावा बसपा (BSP) से भी अपना बराबर का मुकाबला मान रहे है। अखिलेश ने सपा प्रमुख नेताओं के साथ बैठक में उपचुनाव में मजबूती से उतरने का फैसला लिया है। यूपी विधानसभा उपचुनाव (UP Vidhansabha Byelection) में सभी वरिष्ठ नेताओं की डयूटी लगायी जाएगी। इसके बाद परिणाम के आधार पर सपा में संगठनात्मक जिम्मेदारी दी जाएगी। अखिलेश की युवा टोली के एक सदस्य ने बताया कि ऐसे वक्त में जब सपा छोड़ने वालों का सिलसिला जारी है तब केवल युवा नेता ही अखिलेश यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और वही एक बार फिर सपा को फिर से खड़ा करने में मदद करेंगे।


सपा साधेगी बसपा का वोटबैंक

यूपी में 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सपा (SP) के आगे बसपा (Baspa) से बेहतर प्रदर्शन की चुनौती है, क्योंकि बसपा (BSP) भी पहली बार उपचुनाव में उतरेगी। दोनों में से जो पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी, 2022 के विधानसभा चुनाव में उसी की बढ़त की उम्मीद जगेगी। साल 2022 के लिए संगठन तैयार करते समय सपा एम वाई समीकरण (MY मुस्लिम यादव) के अलावा अगड़ों और दलितों को जोड़ने की कोशिश भी करेगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) ने बीते दिनों दिल्ली के तुगलकाबाद का मंदिर प्रकरण जिस मजबूती से उठाया है, उससे जाहिर है कि सपा (SP) अब बसपा (BSP) के वोटबैंक को भी अपने पक्ष में करने की जुगत लगा रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो