
Akshaya Tritiya 2021 ganga snan puja and mahatva
लखनऊ. Akshaya Tritiya 2021 : कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बावजूद पूरे उत्तर प्रदेश में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है। प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर में गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए सुबह-सुबह लोग निकले। अयोध्या में सरयू में भी लोगों ने डुबकी लगायी। और पूजन अर्चन किया। इसी के साथ प्रदेशभर में परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti) भी मनायी जा रही है। इस मौके पर लोगों ने दान देकर पुण्य कमाया। तमाम लोगों ने इस मौके पर शुभ के लिए ऑनलाइन सोने (Gold) की खरीददारी भी की।
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालु ने गंगा मैया में डुबकी लगाकर दान-पुण्य किया। शुक्रवार को प्रात: काल से ही गंगा स्नान शुरू हो गया। पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लोगों ने घाटों पर सुबह से ही पहुंचना शुरू कर दिया। कोरोना काल के चलते घाटों पर सैकड़ों की संख्या में भीड़ दिखी। कहीं कहीं कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी नहीं किया गया। हर जिले में प्रशासन की मनाही के बाद भी श्रद्धालु लॉकडाउन के नियम भूलकर घाट पर पहुंचे। कोरोना कफ्र्यू के दौरान घाटों पर लोगों को जाने की मनाही थी। बावजूद इसके लोग गंगा तट पर स्नान के लिए पहुंचे। कई जगह सोशल डिस्टेंसिंग नदारद रही।
क्या है मान्यता
शिवपुराण में वर्णन है कि भगवान शिव व माता पार्वती को मालती, मल्लिका, जया, चंपा एवं कमल के पुष्पों से पूजा-अर्चना कर मनुष्य के कोटि-कोटि जन्म के तन, मन और वचन से किए गए महापाप भी नष्ट हो जाते हैं। अक्षय तृतीया शुक्रवार को प्रात: 5.39 पर लगेगी और 15 मई को 8 बजे सुबह तक रहेगी।
परशुराम जयंती मनायी गयी
शुक्रवार को ही परशुराम जयंती है। अक्षय तृतीया के दिन ही हर साल परशुराम जयंती मनाई जाती है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं। इस बार कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण परशुराम जयंती लॉकडाउन में पड़ी है। इस वजह से परशुराम जयंती बेहद शान्ति के साथ मनाई जा रही है। कोई भी धार्मिक समारोह या शोभा यात्रा नहीं निकाली गयी। भक्त घरों में ही परशुराम जी की पूजा कर रहे हैं।
Published on:
14 May 2021 12:17 pm
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