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यहां 50 साल बाद जुटे अमेरिका-इंग्लैण्ड से आये डाक्टर, सीएम ने याद दिलाया चिकित्सकधर्म

locationलखनऊPublished: Nov 25, 2017 01:21:58 pm

Submitted by:

Laxmi Narayan

सीएम ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में 50 वर्ष की सेवा के उपरान्त इस संस्थान के छात्र आज यहां देश और विदेश से पहुंचे हैं।

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि चिकित्सक धरती पर भगवान है। वह जीवनदान दे सकता है। मरीज चिकित्सक पर बहुत भरोसा करते हैं कि वे उसके जीवन की रक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि डाॅक्टर मरीजों के साथ सहानुभूति रखते हुए सेवाभाव से उनकी चिकित्सा करें। डाॅक्टर को परमार्थ की भावना अपने मन में रखनी चाहिए और इसके लिए सक्रिय कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के 1967 बैच के एमबीबीएस छात्रों द्वारा आयोजित स्वर्ण जयन्ती समारोह को सम्बोधित करते हुए कही।
सीएम ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि चिकित्सा के क्षेत्र में 50 वर्ष की सेवा के उपरान्त इस संस्थान के छात्र आज यहां देश और विदेश से पहुंचे हैं। केजीएमयू के लिए यह एक गौरवशाली क्षण है। उन्होंने कार्यक्रम में आये पुरातन विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी प्रतिभा सम्पन्न छात्रों ने अपने संस्थान की मर्यादा रखी है और यहां एकत्रित हुए हैं। सीएम ने कहा कि ने कहा कि केजीएमयू के छात्र देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। संस्थान के छात्रों ने चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देकर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस अवसर पर अमेरिका तथा इंग्लैण्ड से 1967 बैच के 11 छात्र भी आए हैं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू के पास 100 वर्ष से अधिक की विरासत है। इसके पास 4000 बेड से अधिक का हाॅस्पिटल है। इस संस्थान की रैंकिंग में सुधार की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए ताकि यह देश अग्रणी संस्थान बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों की समाज तथा देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है। राष्ट्र निर्माण में चिकित्सकों के दायित्व से सभी अवगत हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों द्वारा कोशिश की जानी चाहिए कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का उपयोग प्रदेश के दूरवर्ती गांवों के रोगियों की चिकित्सा के लिए भी हो सके। चिकित्सा संस्थानों को, चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति से निरन्तर अवगत रहना चाहिए और नवीनतम उपचारात्मक प्रौद्योगिकियों को अपनाना चाहिए। साथ ही अपने पाठ्यक्रम को लगातार अद्यतन भी करते रहना चाहिए।
सीएम ने कहा कि आज हम लेजर सर्जरी के युग में प्रवेश कर चुके हैं तथा रोबोटिक सर्जरी काफी चर्चा में है। बाॅयोटेक्नोलाॅजी में स्टेम सेल अनुसंधान के क्षेत्र में अन्वेषण तथा खोज की बहुत सम्भावनाएं हैं। इसी प्रकार ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जिनके बारे में हमें अभी जानकारी भी नहीं है, वैज्ञानिकों को इनकी खोज करनी है। हमें उच्च चिकित्सा शिक्षा के केन्द्रों में अनुसंधान को प्रोत्साहन देना होगा। चिकित्सा विश्वविद्यालयों में नये-अन्वेषण के प्रति लगाव का वातावरण होना बहुत जरूरी है। भावी पीढ़ियों की सफलता नवीन अनुसंधान पर निर्भर करेगी। हमारा लक्ष्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधानों तथा नव-अन्वेषणों का होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का प्रभाव तब दिखाई देता है, जब यह आम आदमी के जीवन में बदलाव लाता है। प्रदेश एवं देश में ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं, जिन्हें उच्च कोटि की चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता है। देश व प्रदेश की जनसंख्या को देखते हुए सभी के लिए स्वास्थ्य के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हमें अभी बहुत प्रयास करने होंगे। इसके लिए और अधिक चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ, अधिक चिकित्सा शिक्षा संस्थानों और अधिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अस्पतालों की आवश्यकता है। देश एवं प्रदेश की बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ ही विभिन्न बीमारियों एवं विभिन्न चिकित्सालयों में बढ़ती हुई भीड़ इस बात का संकेत है कि इन बीमारियों का सामना करने के लिए हमें उसी अनुपात में विशिष्ट चिकित्सक भी तैयार करने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने 1967 बैच के डाॅक्टरों का आह्वान करते हुए कहा कि वे चिकित्सा के क्षेत्र में 50 वर्ष का अनुभव रखते हैं, जो एक तरह की बौद्धिक सम्पदा है और वे इसका उपयोग इस संस्थान को आगे बढ़ाने के साथ-साथ लोगों की सेवा के लिए करें। उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों तथा शोध की जितनी जानकारी उनके पास है, वह अभी नए लोगों के पास नहीं है। ऐसे में वे इसका उपयोग मरीज के उत्थान के लिए करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस बैच के छात्रगण केजीएमयू को आगे बढ़ाने के विषय में अवश्य सोचेंगे और इसमें अपना योगदान भी देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इसमें हर प्रकार की सहायता देगी।

सम्बोधन से पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प तथा तुलसी का गमला भेंट कर किया गया। उन्हें एक शाॅल भी भेंट किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 1967 बैच से सम्बन्धित एक काॅफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर केजीएमयू के कुलपति डॉक्टर एम एल भट्ट, डॉक्टर अवधेश अग्रवाल, 1967 बैच के 110 छात्र तथा उनके परिजन सहित बड़ी संख्या में चिकित्सकगण मौजूद थे।
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