सोशल मीडिया पर हो गया महागठबंधन की सीटों का बंटवारा, जानें- किसे मिलीं कितनी सीटें
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यों सार्वजनिक मंच से अमर सिंह को अहमियत देना कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है। साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव प्रचार में अमर सिंह के जरिये कई विपक्षी दलों पर निशाना साधेंगे। अमर सिंह कई नेताओं-उद्योगपतियों और फिल्मी सितारों के बेहद राजदार माने जाते हैं। वह बेबाक बयानबाजी के लिये भी खासे मशहूर हैं। ऐसे में अगर अमर सिंह की जुबान कई लोगों के लिये मुसीबत का सबब बन सकती है।
अमर सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। अब मेरा पूरा जीवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित है। भाजपा में शामिल होने के बारे में अमर सिंह का कहना है कि उन्हें भाजपा में शामिल होने से कोई गुरेज नहीं है, अभी ऐसा कोई न्यौता नहीं मिला है और न ही उन्होंने कभी इच्छा जाहिर की।
भले ही अमर सिंह की पकड़ जनता के बीच न हो, लेकिन बॉलीवुड, उद्योगपतियों और राजनेताओं का बेहद करीबी माना जाता है। यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार में वह औद्योगिक विकास परिषद के अध्यक्ष भी थे। उस वक्त उद्योगपतियों से समाजवादी पार्टी और सरकार के बीच अमर सिंह ही सेतु का काम करते थे। अमर सिंह ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्टी संग शुरू किया था। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में परिवार के झगड़े में उन्हें समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया था। तबसे उन्हें कई बार बीजेपी के करीब आते देखा गया है।
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इस मुलाकात के मायने…बीते दिनों अमर सिंह ने राजधानी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। हालांकि, अमर सिंह ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया था। इसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंच से अमर सिंह का नाम लेने और फिर गर्मजोशी से हाथ मिलाने के राजनीतिक गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि बहुत जल्द अमर सिंह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। यूपी में बीजेपी अमर सिंह का इस्तेमाल समाजवादी पार्टी पर निशाना साधने के लिये कर सकती है।