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लोकसभा चुनाव 2019 : आम्बेडकर-राम मंदिर नहीं, यूपी जीतने के लिए पीएम मोदी ने विकास को चुना

locationलखनऊPublished: Jul 29, 2018 01:36:22 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार विकास के रथ पर सवार होकर उत्तर प्रदेश जीतना चाहते हैं…

pm narendra modi

लोकसभा चुनाव 2019 : आम्बेडकर-राम मंदिर नहीं, यूपी जीतने के लिए पीएम मोदी ने विकास को चुना

लखनऊ. 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां विपक्षी दलों पर हमलावर होकर यूपी की 80 में से 73 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की थी, वहीं इस बार वह विकास के रथ पर सवार होकर उत्तर प्रदेश जीतना चाहते हैं। सपा-बसपा और कांग्रेस के महागठबंधन से निपटने और मिशन 2019 को फतेह करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम्बेडकर और राम मंदिर नहीं, बल्कि विकास का रास्ता चुना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बारिश के मौसम में लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान से जनता के लिये योजनाओं की बरसात कर दी।
लोकसभा चुनाव में करीब साल भर से भी कम वक्त बचा है। बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। पीएम मोदी समेत भाजपाई जनता के बीच एक तरफ सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं, वहीं जनता के लिए अरबों की योजनाओं की सौगात दे रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को उन्होंने यूपी की जनता को जहां 3897 करोड़ की सौगात दी, वहीं अगले ही दिन रविवार को सूबे की जनता के लिये 60 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इससे पहले भी प्रधानमंत्री सूबे के कई जिलों को अरबों की योजनाओं की सौगात दे चुके हैं।
यूपी में दिखने लगी है विकास की रफ्तार : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की, लेकिन पिछली समाजवादी सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब जब यूपी में योगी आदित्यनाथ की अगुआई में बीजेपी की सरकार बनी है, केंद्र सरकार की योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन हुआ है। इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज हो गई है।
उपचुनाव में हार के बाद सतर्क है बीजेपी
गोरखपुर-फुलपुर के बाद नूरपुर और कैराना उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी सतर्क हो गई है। बीजेपी की नजर उत्तर प्रदेश पर है, क्योंकि कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर ही जाता है। उपचुनाव में जीत से उत्साहित सपा-बसपा के महागठबंधन में शामिल होने की अकटलें तेज हैं, ऐसे में इस संभावित खतरे से निपटने के लिये बीजेपी चुनावी रणनीति बनाने में पूरी तरह से जुट गई है। इस रणनीति के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां हर महीने उत्तर प्रदेश में कम से कम एक रैली करेंगे, वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत केंद्र व प्रदेश सरकार के कई मंत्री व नेता जनसभाएं कर रहे हैं। हालांकि, बीजेपी नेताओं का कहना है कि उपचुनाव का लोकसभा चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
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