
Amisha
लखनऊ. प्रदेश की भ्रष्ट कानून व्यव्स्था का आलम ये है कि अब आधी रात के बाद पुलिस आम जनता के घरों में दबिश दे रही है, उन्हें डरा धमका रही है। महिलाओं से गाली गलौच कर रही है, यहां तक बच्चों को डंडे से पीटने की धमकी दे रही है। इसकी ताजा तस्वीर साझा की है उस बेटी ने जिसके पिता से पूछताछ के लिए पुलिस घर में घुस आई और दुर्व्यवहार किया। वो भी एक-दो नहीं बल्कि 20 पुलिसकर्मियों के साथ। मानो वो परिवार किसी आतंकवादी संगठन से ताल्लुक रखता हो। अमीषा नाम की बेटी रविवार की वो काली रात नहीं भूल पाएगी, लेकिन अगले ही दिन उसने जो हिम्मत जुटाई उसके लिए उसकी तारीफे जरूर हो रही है। शायद उसकी हिम्मत का ही असर रहा कि आज सीएम योगी ने यूपी के पूरे पुलिस महकमे के लिए एक फरमान जारी कर दिया।
क्यों आई थी पुलिस आधी रात में-
पीड़ित अरविंद सिंह राना का कहना है कि कानपुर में पोस्टेड अतिरिक्त निदेशक स्वास्थ्य, डॉक्टर करन सिंह का मकान उन्होंने बनाया था। इसके लिए वो साईं प्लाई के करन अग्रवाल से सामान मंगवाते थे। साईं प्लाई से मंगाए गए सामान की कीमत 80 हजार रुपये थी जो अरविंद पर बकाया था। डॉ करन सिंह के मकान बनाने के बदले में अरविन्द को 21,50,418 रुपये मिलने थे, जो डॉ ने बकाया कर रखा हैं। उधर 80 हजार रुपए का अपना भुगतान न मिलने से साईं प्लाई के करन अग्रवाल ने अरविंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। अरविन्द की आर्थिक स्थिति खराब चल रही हैं। वहीं उन्होंने डॉ करन से अपना 21 लाख का बकाया पैसा माँगा तो डॉ ने आना कानी की। अरविन्द ने यह देख करने के खिलाफ शिकायत करने की ठान ली, लेकिन उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं की गयी।
फिर पुलिस ने दी दबिश-
अरविंद के परिवार पर रविवार आधी रात कहर टूट पड़ा। आशियाना थाना क्षेत्र में इस मामले में वारंट तामील कराने गए पुलिसकर्मियों ने घर में घुसकर अरविंद के परिवार के साथ बदसलूकी की। अनविंद की बेटी अमीषा का पुलिस पर आरोप है कि आशियाना की मानसरोवर योजना में दबिश के दौरान उसने महिला व उसके परिवार से बदसलूकी की। अमीषा ने पीएम मोदी और सीएम योगी को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। अमीषा ने कहा कि रात साढ़े 12 बजे पुलिस हमारे घर पहुंची जब हमारे पिता घर में मौजूद नहीं थे। करीब 20 लोगों की पुलिस फोर्स ने घर में दबिश देने की कोशिश की। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने गाली गलौज की, महिलाओं और बच्चों के साथ बदसलूकी की। वहीं जब इस पूरे मामले की अमीषा सिंह ने मोबाइल रिकॉर्डिंग शुरू की, तो एक पुलिसकर्मी ने उसका मोबाइल छीन लिया और रिकॉर्डिंग को डिलीट कर दी।
"..तो क्या आप आधी रात में 20 पुलिसकर्मियों के साथ हमारे घर में घुसेंगे"-
उक्त जवाब बेटी अमीषा ने लखनऊ पुलिस के उस बयान पर दिया जिसमें उन्होंने कहा कि आपके पिता के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। अमीषा ने इसके जवाब में कहा, "तो क्या इसका मतलब ये है कि आप आधी रात में २० पुलिसकर्मियों के साथ हमारे घर के दरवाजे पर जोर-जोर को मारेंगे। महिलाओं को गाली देंगे, बच्चों को डराएंगे? अगर आप अपनी ड्यूटी कर रहे थे तो आपके एक कॉन्स्टेबल ने गेट क्यों फांदा, मेरा मोबाईल फोन छीनकर सबूत क्यों मिटाए?" अमीषा ने सोशल मीडिया के सहारे पीएम मोदी और सीएम योगी को भी मामले से अवगत कराया कहा मेरा अनुरोध है कि आप इस मामले का संज्ञान लें, ताकि पुलिसवाले अपने पद का दुरुपयोग न कर सके। हम अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं।
"करन सिंह के खिलाफ एफआईआर तक नहीं लिखी"-
यूपी पुलिस द्वारा दोहरे व्यवहार को उजागर करते हुए अमीषा ने पीएम मोदी और सीएम योगी को ट्वीट कर बताया कि पुलिस ने 80000 रुपए न देने के लिए मेरे पिता अरविंद सिंह के खिलाफ वॉरंट जारी कर दिया, लेकिन हमको 21 लाख रुपए न देने वाले करन सिंह के खिलाफ एफआईआर तक नहीं लिखी। यह न्याय नहीं हैं। अमीषा आगे लिखती है कि अरविंद सिंह चार दफा पॉलिटेक्निक चौकी गए और अभिवक्ता करन सिंह और उनकी पत्नी को भी वहां बुलाया गया। थानाधय्क्ष करण सिंह से मिले, लेकिन पुलिस हमारे पिता से कहती है कि इस मामले में कुछ भी नहीं हो सकता।
"हम भीख नहीं मांग रहे"-
अमीषा ने अपील करते हुए कहा- आदरणीय पीएम मोदी और सीएम योगी जी, अगर हमारे पास 8000 रुपए होते तो हमने दे दिए होते, लेकिन हमारे पास पर्याप्त राशि नहीं है। हम लोग न ही भीख मांग रहे हैं और ना ही यह धन राशि माफ करने की अपील कर रहे हैं। हमारे पास जो था, वो हमने बेच दिया। जिन लोगों ने हमारा पैसा लूटा वो आराम की जिंदगी बिता रहे हैं। हमारा क्या? हम ये सब भूल कर आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन नहीं कर सकते क्योंकि हमें जरूरी मदद नहीं मिल रही है। अगर पुलिस ने उसी दौरान हमारी शिकायत दर्ज कर दी होती, तो आज हमें मदद के लिए भीख नहीं मांगनी पड़ती।
सीएम योगी ने जारी किया फरमान-
पुुलिसकर्मियों की इस करतूत से हैरान सीएम योगी ने आज लखनऊ के एसपी उत्तरी अनुराग वत्स को पूरे मामले की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए है। इसी के साथ फरमान जारी करते हुए उन्होंने यूपी पुलिस को निर्देश दिए हैं कि सिविल मामलों में रात में अब से दबिश नहीं दी जाएगी। पुलिस जघन्य अपराध के अभियुक्त के अलावा अन्य सामान्य अपराध के अभियुक्त/वारंट तमील के लिए रात के वक्त कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
Published on:
27 Jun 2018 06:51 pm
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