
सीएम योगी आदित्यनाथ हुए और पॉवरफुल, 2019 के लिए मिली ये अहम जिम्मेदारी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से चुनाव जीतने वाली भरतीय जनता पार्टी तीन लोकसभा उपचुनावों में मिली पराजय के चलते खासी चिंतित है। इसी के चलते मिशन 2019 को फहत करने के लिए संघ ने अब योगी कार्ड खेल दिया है। अब यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ भगवा और हिन्दू कार्ड के बल पर चुनावी अखाड़े में उतरेंगे। सीएम योगी अब दलित और ओबीसी मतदताओं इस बाण के बल पर अपने पाले में लाकर अखिलेश और मायावती को घेरेंगे। दिल्ली में हुई बैठक के दौरान भाजपा हाईकमान और संघ के नेताओं ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया और यूपी संगठन मंत्री सुनील बसंल की मौजूदगी में इस खास रणनीति पर मुहर लगा दी।
दिल्ली में चली लंबी बैठक
भाजपा हाईकमान और संघ के नेताओं ने सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी के संगठन मंत्री की मौजूदगी में एक अहम बैठक दिल्ली में की। बैठक के दौरान संघ ने भाजपा हाईकमान को निर्देश दिया कि 2019 का चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के आगवाई में लड़ा जाएगा। बैठक के दौरान यह तय किया गया कि सीएम योगी की आगवाई में चुनाव लड़ा जाए। अयोध्या सहित हिंदुत्व के एजेंडे से जुड़े अन्य धार्मिक स्थलों के विकास, कुंभ की व्यवस्था, गंगा की निर्मलता और अविरलता सहित अन्य मुद्दों को लेकर सीएम योगी चुनावी अखाड़े में उतरेंगे। सपा-बसपा की काट के लिए सीएम पूरी तरह भगवा रूप अख्तियार करेंगे। दिल्ली की बैठक में संघ की तरफ से भाजपा के प्रभारी सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल मौजूद रहे। संघ का इशारा मिलते ही भगवा बिग्रेड के नेता एक्शन में आ गए और चुनाव को पूरी तरह जातियों के अंकगणित से निकाल हिन्दुत्व की तरफ मोड़ने के लिए जुट गए हैं।
फायरब्रांड चेहरों को मिलेगा मौका
योगी की दिल्ली में पहले संघ के सरकार्यवाह सुरेश जोशी भैया जी से बातचीत हुई। फिर सरसंघचालक मोहन भागवत भी बैठक में शामिल हुए। संघ की तरफ से भाजपा के प्रभारी सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल भी दिल्ली की बैठक में मौजूद थे। बैठक में कुछ मंत्रियों और नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठे। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में योगी ने संघ के शीर्ष नेतृत्व से इस पर चिंता जताई। तब संघ ने लखनऊ में मौजूद सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से बात की। योगी शाम को दिल्ली से लखनऊ लौटे तो होसबोले से भी चर्चा हुई। संकेत मिल रहे हैं कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन में ऐस मंत्रियों के पर कतर दिए जाएंगे जिनसे सरकार और संगठन की छवि धूमिल हो रही है। चुनावी समीकरण साधने के लिए नए चेहरों को केंद्र और प्रदेश के मंत्रिमंडल में शामिल करने के साथ कुछ मौजूदा मंत्रियों की जिम्मेदारी बढ़ाई जाएगी। साथ ही योगी सरकार में फायर ब्रांड नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय है।
सीएम योगी को मिली खुली छूट
बैठक के दौरान संघ व भाजपा के बड़े नेताओं ने सीएम योगी को सरकार चलाने की खुली छूट दे दी है। सीएम से कहा गया है कि वो अपनी पुरानी क्षवि फिर से अख्तियार कर चुनाव को जातियों के बजाए हिन्दुत्व की ओर मोड़ें। दिल्ली से मिले मंत्र को लेकर सीएम देरशाम राजधानी लौट आए। इस दौरान सहसरकार्यपाह दत्तात्रेय होसबोले ने सीएम के साथ अकेले में बैठक की और फिर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, संगठन मंत्री सुनील बंसल, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश और संघ के दोनों क्षेत्रों के क्षेत्र प्रचारक को बैठाकर बातचीत की। साथ ही संघ के शीर्ष नेतृत्व के निर्देशों से भी सभी को अवगत कराया। इस बैठक में उल्लेखनीय बात यह भी रही कि बैठक के बाद जियामऊ स्थित विश्व संवाद केंद्र से जब मुख्यमंत्री सहित अन्य लोग निकलने लगे तो सहसरकार्यवाह होसबोले ने उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को रोक लिया और उनसे एकांत में कुछ बातें की। बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन से बन रही जातीय गणित की काट के लिए समग्र हिंदुत्व की किलेबंदी का फॉर्मूला तय हुआ। फैसला किया गया कि पूरा फोकस इस बात पर रहना है कि हिंदुओं के मतों में बहुत विभाजन न होने पाए। इसके लिए दलितों और पिछड़ों को लामबंद करने के लिए चल रहे अभियानों को सतत जारी रखने के साथ सरकार के स्तर से भी कुछ काम करने की अपेक्षा संघ की तरफ से की गई।
Published on:
27 Jun 2018 01:08 pm
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