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अयोध्या में मस्जिद का खूबसूरत डिजाइन हुआ जारी, बैठक में लिए गए कई फैसले, इतने समय में होगी तैयार

locationलखनऊPublished: Dec 19, 2020 09:00:03 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

– बिना गुम्बद की होगी मस्जिद
– 3500 स्क्वायर मीटर में बनेगी मस्जिद, लग सकता है छह महीने का वक्त
– अस्पताल 24,150 स्क्वायर मीटर में बनेगा, साल भर में होगा तैयार
– पुराने जैसा कुछ भी नहीं, भविष्‍य को दर्शाएगी मस्जिद

Ayodhya Masjid

Ayodhya Masjid

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
अयोध्या. राम मंदिर (Ram Temple) के डिजाइन के बाद अब अयोध्या (Ayodhya) में बनने वाली मस्जिद (Masjid) का भी खूबसूरत डिजाइन आज जारी हो गया। डिजाइन को देखते ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह विश्व की चुंनिंदा खूबसूरत मस्जिदों में से एक होगी। शनिवार को लखनऊ में बैठक के बाद इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईएफसी) ने इस डिजाइन को जारी किया। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष मौलाना जुफर फारुकी व अतहर हुसैन सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे। सब कुछ ठीक रहा तो मस्जिद का निर्माण कार्य 26 जनवरी से शुरू कराने की योजना है, वरना 15 अगस्त को निर्माण शुरू होगा। इससे पहले मस्जिद का नक्शा पास होगा।
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नहीं होगा गुंबद-

डिजाइन की तस्वीर में देखा जा सकता है कि इसमें कोई गोल गुंबद नहीं, बल्कि यह काफी मॉडर्न और खूबसूरत है। इसका आकार खाड़ी देशों की मस्जिदों की तरह होगा। साथ ही तस्वीर में दिखाई दे रहे चोकोर परिसर में म्‍यूजियम, अस्‍पताल, लाइब्रेरी और कम्‍यूनिटी किचन बनाया जाएगा। यह दो मंजिला होगी। ट्रस्ट ने बताया कि परिसर में जो मजार मौजूद है, उसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
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मस्जिद में पुराने जैसा कुछ नहीं-

दिल्‍ली के जामिया मिल्लिया इस्‍लामिया विश्‍वविद्यालय के आर्किटेक्‍चर डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर एसएम अख्‍तर ने बताया कि यह मस्जिद न केवल धार्मिक बल्कि मानवता की सेवा का प्रतीक होगा। इसलिए इसमें बनने वाले अस्‍पताल व पुस्‍तकालय पर भी विशेष ध्‍यान दिया जाएगा। मस्जिद डिजाइन के बारे में उन्होंने बताया कि इसका डिजाइन कॉंटेंपोरेरी होगा। इस मस्जिद में कुछ भी पुराना देखने को नहीं मिलेगा। बल्कि यह भविष्‍य को दर्शाती मस्जिद होगी। इसमें इस्‍तेमाल होने वाली तकनीक से लेकर सामान तक सब नया होगा। यही इसकी खासियत होगी। विशाल मस्जिद में सोलर पावर प्लांट भी लगाया जाएगा। इसमें एक समय में दो हजार लोगों के नमाज पढ़ने का इंतजाम होगा। दिन में दो समय यहां जरूरतमंदों को भोजन करवाया जाएगा।
सबसे पहले होगी सॉएल टेस्टिंग, 3500 स्क्वायर मीटर में बनेगी मस्जिद-

फाउंडेशन की बैठक में तय हुआ कि साइट पर सबसे पहले सॉइल की टेस्टिंग होगी। इसके बाद मस्जिद का नक्शा पास कराया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद ही निर्माण शुरू होगा। मस्जिद, हॉस्पिटल, म्यूजियम सबकी नींव एक साथ ही रखी जाएगी। एमएस अख्तर ने बताया कि मस्जिद 3500 स्क्वायर मीटर में बनेगी और यह दो फ्लोर की बनाई जाएगी। इसमें महिलाओं के लिए अलग स्पेस होगा। मस्जिद छह महीने में तैयार हो सकती है।
अस्पताल 24,150 स्क्वायर मीटर में-
उन्होंने बताया कि अस्पताल को 24,150 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा। ट्रस्ट के मुताबिक, यह अस्पताल चार फ्लोर का होगा और इसमें कम से कम 200 बेड होंगे। यह चैरिटी मॉडल पर काम करेगा। अभी इसके लिए चंदा जुटाना शुरू नहीं किया गया है। हालांकि, मस्जिद के बैंक अकाउंट का ब्योरा सार्वजनिक किया जा चुका है। लोग इसके जरिए मदद कर सकते हैं। इसे बनाने में साल भर का वक्त लग सकता है और करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है।

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