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Shazar Stone : केन नदी का यह पत्थर बना देता है तकदीर

Shazar Stone : ज्योतिषाचार्य धीरज शास्त्री कहते हैं कि शजर यानी स्फटिक पत्थर बुद्धि का विकास करने के साथ ही कई बीमारियों से बचाता है, व्यापार में भी लाभ होता है

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Aug 25, 2021

benefits of shazar stone sphatik found in ken river

लखनऊ. Shazar Stone- केन नदी में पाया जाने वाला शजर पत्थर खूबसूरत तो होता ही है, इसका धार्मिक महत्व भी कम नहीं है। मुसलमान जब हज पर जाते हैं तो इसे साथ लेकर जाते हैं और इस पर कुरान की आयतें लिखवाते हैं। हिंदू व अन्य समुदाय के लोग इस पत्थर को सोने-चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनते हैं। अरब देशों में इसे 'हकीक' और भारत में स्फटिक कहा जाता है। चौक लखनऊ के ज्योतिषाचार्य धीरज शास्त्री कहते हैं कि शजर यानी स्फटिक पत्थर को धारण करने से लोगों की बिगड़ी तकदीर बन जाती है। यह बुद्धि का विकास करने के साथ ही कई बीमारियों से बचाता है। स्फटिक माला या फिर इस पत्थर को तिजोरी में रखने से व्यापार में जबर्दस्त लाभ होता है।

भारत की दो नदियों केन और नर्मदा में शजर पत्थर पाया जाता है। देश दुनिया में शजर पत्थर की खासी डिमांड है। यह पत्थर बेहद खूबसूरत होता है। कुदरती तौर पर इसके अंदर तरह-तरह की आकृतियां मौजूद रहती हैं जो किसी का भी मन मोह लेती हैं। बांदा की केन नदी में पाये जाने वाले इस पत्थर का इस्तेमाल आभूषणों से लेकर कलाकृतियों के निर्माण में किया जाता है। महाभारत काल में केन नदी का नाम 'कर्णावती' नदी था, जो बाद 'किनिया', 'कन्या' और फिर 'केन' नदी कही जाने लगी।

400 वर्ष पूर्व हुई थी शजर पत्थर की खोज
400 वर्ष पूर्व अरब से आये लोगों ने केन नदी में पाये जाने वाले इस पत्थर की खोज की थी और इसका नाम शजर रखा था। बांदा के स्थानीय लोगों के मुताबिक, शरद पूर्णिमा की चांदनी रात चंद्रमा की किरणें शजर पत्थर पर पड़ती हैं तो इन पर झाड़ियां, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मानव और नदी धारा के चित्र उभरते हैं। वहीं, वैज्ञानिकों का मानना है कि शजर पत्थर पर उभरने वाली आकृति फंगस ग्रोथ है और कुछ नहीं।

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