7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बसपा पार्टी में ब्राह्मणों को नहीं मिली जगह, सतीश मिश्रा को भी किया किनारे

नगर -निकाय चुनाव में बसपा पार्टी दलित और मुसलमानों को जोड़ने का प्रयास कर रही है। साथ ही ब्राह्मणों से बना ली है दूरी।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Dec 22, 2022

 पार्टी के हित में लिए फैसले

पार्टी के हित में लिए फैसले

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद सतीश चंद्र मिश्रा को राजनीतिक क्षेत्र से गायब हुए। छह महीने से अधिक का समय हो गया है। शुरू में कहा गया कि वह खराब स्वास्थ्य के कारण पार्टी के मामलों में सक्रिय नहीं थे, लेकिन अब ऐसा लगता है कि उन्हें किनारे कर दिया गया है। बहुजन समाज पार्टी अब उच्च जातियों, मुख्य रूप से ब्राह्मणों पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहती है। बसपा दलितों, ओबीसी और मुसलमानों का गठजोड़ बनाने के प्रयास में है और इसके लिए मिश्रा की आवश्यकता नहीं है।

बसपा सुप्रीमो ने पार्टी के हित में लिए फैसले

मायावती पहले ही पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे और एक अन्य ब्राह्मण नेता अनिल पांडे को पार्टी से बर्खास्त कर चुकी हैं। दुबे कांग्रेस में शामिल हो गए और अब पार्टी के जोनल अध्यक्ष हैं। नकुल दुबे को एस.सी. मिश्रा का आश्रित कहा जाता था। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार मायावती को फीडबैक मिला था कि पार्टी के दलित कार्यकर्ता पार्टी में सतीश चंद्र मिश्रा की प्रभावशाली उपस्थिति और निर्णय लेने में उनकी भूमिका से नाराज हैं।

बसपा प्रचारक की सूची से गायब हैं नाम

पदाधिकारी ने कहा कि दलित ऊंची जाति के व्यक्ति द्वारा आदेश दिए जाने से परेशान थे। बहनजी (मायावती) ने अब मिश्रा की भूमिका को पार्टी में कानूनी मुद्दों तक सीमित कर दिया है। इस साल की शुरुआत में आजमगढ़ और रामपुर उपचुनावों के लिए बसपा के स्टार प्रचारकों की सूची में मिश्रा का नाम महत्वपूर्ण रूप से शामिल नहीं था।

मिश्रा 2007 में पार्टी में शीर्ष पर पहुंचे। जब बसपा ने उनके नेतृत्व में ब्राह्मण कार्ड खेला और मायावती ने पूर्ण बहुमत के साथ अपनी पहली सरकार बनाई। हालांकि इसके बाद बसपा का ग्राफ नीचे की ओर रहा है और मोदी युग शुरू होने पर ब्राह्मणों ने भाजपा के लिए बसपा को छोड़ दिया। पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मात्र एक सीट जीतने में सफल रही।